आईवीआरआई को मिली अन्तर्राष्ट्रीय परियोजना “वन हैल्थ“।अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान की टीम ने किया संस्थान भ्रमण
बरेली , 17 मार्च । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) पशु चिकित्सा के क्षेत्र में देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी अपनी ख्याति प्राप्त कर रहा है इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान(आईएलआरआई) की टीम ने कल संस्थान भ्रमण किया तथा परियोजना के लिए सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी।
अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान (आईएलआरआई) द्वारा ”एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के माध्यम से मानव स्वास्थ्य की रक्षा करने के उद्देश्य से आईवीआरआई के पशुजन स्वास्थ्य विभाग से संभावित सहयोग और कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गयी।
अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान (आईएलआरआई) विकासशील देशों में पशुधन के माध्यम से बेहतर जीवन के लिए कार्य करता है। आईएलआरआई की सह-मेजबानी केन्या और इथियोपिया द्वारा की जाती है, इसके एशिया और अफ्रीका में 14 कार्यालय हैं, लगभग 700 कर्मचारी कार्यरत हैं
इस अवसर पर डॉ. एच. रहमान, आईएलआरआई दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रतिनिधि (पूर्व उप महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद), डॉ हंग गुयेन, सह-नेता, पशु और मानव स्वास्थ्य, आईएलआरआई, नैरोबी, भारत में आईएलआरआई के वैज्ञानिक डॉ. राम प्रतिम डेका, डॉ सिंह डांग, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो, पशु और मानव स्वास्थ्य, आईएलआरआई के साथ-साथ संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त, संयुक्त निदेशक शोध डा. एस.के. सिंह., संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डा. एस.के. मेंदिरता, पशुजन स्वास्थ्य विभाग के विभागाघ्यक्ष डा. किरण भीलेगांवकर, पीएमई सेल के डा. जी. साई. कुमार, डा. जेड, बी. दुबल तथा डा. सुमन इस अवसर पर उपस्थित रहे।
अपने सम्बोधन में आईएलआरआई दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रतिनिधि डॉ. एच. रहमान ने कहा कि भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो पशु रोग के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डॉ. रहमान ने अपनी राय देते हुए कहा कि आईवीआरआई में अनुसंधान कार्य को अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के इनपुट से सशक्त बनाया जा सकता है।उन्होंने संस्थान निदेशक द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की एवं उनको बधाई दी।
आईएलआरआई, नैरोबी के डॉ हंग गुयेन, सह-नेता, पशु और मानव स्वास्थ्य ने एक स्वास्थ्य पर अंतराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान के लिए सलाहकार समूह (सीजीआईएआर) पहल पर प्रस्तुति दी और प्रक्षेत्र में वन हैल्थ के कार्यान्वयन के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।
इस अवसर पर संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने ने आईवीआरआई में ‘वन हेल्थ एंड एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस स्टडी’ पहल पर प्रस्तुति दी और विभिन्न चल रही परियोजनाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि संस्थान का मुख्य उदेद्श्य पशु स्वास्थ्य और उत्पादन बढ़ाने के क्षेत्र में अनुसंधान करना और प्रौद्योगिकी विकास एवं प्रसार के माध्यम से किसानों की आजीविका में सुधार लाना है। संस्थान निदेशक ने आईवीआरआई को मान्यता देने और सहयोग के विकल्प तलाशने के लिए आईएलआरआई टीम को धन्यवाद दिया।
पशुजन स्वास्थ्य विभाग के विभागध्यक्ष डा. किरण भीलेगांवकर ने बताया कि खाद्य सुरक्षा के लिए एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण निश्चित रूप से मानव स्वास्थ्य में सुधार करेगा। बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट