आई वी आर आई द्वारा किसान सम्मान दिवस के अवसर पर मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन

बरेली , 24 दिसम्बर । कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली द्वारा किसान सम्मान दिवस के अवसर पर फसल अवशेष प्रबन्धन परियोजना के अन्तर्गत बहेड़ी विकास खण्ड के श्री सलीग राम एस॰वी॰एम॰ इंटर कॉलेज में एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुये मेले के मुख्य अतिथि डॉ॰ महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा ने मेले में बड़ी संख्या में आये किसान भाइयों तथा ग्रामीण महिलाओं का स्वागत करते हुये कहा कि भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर स्थित यह कृषि विज्ञान केन्द्र बरेली जनपद के किसानों की एक लम्बे समय से सेवा करता आ रहा है। उन्होने कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओ को भी सम्मानित करने का सुझाव दिया । उन्होँने कहा कि आज के इस मेले के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन का संदेश घर-घर तक जाए और अधिक से अधिक किसान भाई इसको एक मिशन के रूप में लेकर इस समस्या को समाप्त करने में सहयोग दें तो भूमि और पर्यावरण की स्थिति को सुधारने में समय नहीं लगेगा।

विशिष्ट अतिथि माननीय श्री अंरिंदर सिंह, ब्लॉक प्रमुख,बहेड़ी विकास खण्ड ने किसानों को संबोधित करते हुये उन्हें किसान सम्मान दिवस की शुभकामनायें देते हुये बताया कि हम इस धरती को अपनी माँ के समान पूजते हैं और यही हमारे जीवन यापन के लिए अन्न-जल का मुख्य स्रोत है। इसलिये इसकी उर्वरता को बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। पराली जलाना अपनी धरती माँ पर अत्याचार करने के समान है। इससे खेत की मिट्टी के साथ-साथ पर्यावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिये किसान भाई किसी भी प्रकार के फसल अवशेषों को जलाने के स्थान पर उसको मिट्टी में ही मिलाकर भूमि को उपजाऊ बनायें और खेती की लागत को कम करें।

माननीय श्री छत्रपाल सिंह पूर्व विधायक के प्रतिनिधि श्री सुरेश चन्द्र गंगवार ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के सम्बन्ध कृषको को में प्रदान की गई जानकारी को अत्यधिक उपयोगी बताते हुये सरकार की विभिन्न योजनाओं में कृषि यंत्रो को क्रय करने के साथ-साथ अन्य सभी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित किया।

तकनीकी सत्र में डॉ अखिलेश, वरिष्ठ वैज्ञानिक पशु औषधि विभाग ने पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यदि हम पशुओ के व्यवहार को नियमित रूप से देखते रहे और उनकी बीमारियों को आरंभिक अवस्था में ही पकड़ ले तो कम लागत में बहुत आसानी से उनका उपचार कराया जा सकता है । उन्होने थनैला एवं संक्रामक रोगो के बारे में कृषको के प्रश्नों के उत्तर भी दिये । डॉ. शशीकान्त गुप्ता, पशु पुनुरुत्पादन विभाग ने पशुओं के गर्भधारण संबंधी समस्याओं एवं उनके निवारण के संबंध में जानकारी प्रदान की। श्री आर॰एल॰सागर, विषय विशेषज्ञ ने फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले नुकसान और इसके खेत में ही प्रबन्धन से होने वाले फायदों के सम्बन्ध में, श्री राकेश पाण्डे ने फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्रों तथा विभिन्न परिस्थितियों में उनके उपयोग करने के तरीकों तथा सुश्री वाणी यादव ने फसल अवशेष प्रबन्धन के मृदा पर पड़ने वाले प्रभावों के सम्बन्ध में जानकारी दी। मुख्य अतिथि श्री अमरिंदर सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ महेश चंद्र ने फसल अवशेष प्रबंधन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे प्रगतिशील कृषको को सम्मानित किया तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से संदेश देने वाले 15 छात्र छात्राओं को भी सम्मानित किया गया । श्री रंजीत सिंह,बागवानी विशेषज्ञ ने स्वर्गीय चौधरी चरण जी के जीवनवृत पर प्रकाश डाला एवं कार्यक्रम का संचालन किया।

इस अवसर पर फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर प्रदर्शिनी का भी आयोजन किया जिसमे महिला समूहो तथा छात्र छात्राओं ने कृषि एवं विज्ञान संबंधी अपने माडल भी प्रस्तुत किए जिसकी सभी उपस्थित अतिथियों ने सराहना की । उक्त किसान सम्मान समारोह एवं किसान मेले में लगभग 782 किसानो, कृषक महिलायों एवं छात्र छात्राओं ने भागीदारी की । इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों व भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की टीम ने कृषि विभाग, बरेली द्वारा विल्वा फार्म पर आयोजित किसान सम्मान दिवस में प्रतिभागिता दर्ज की जिसमे एक पशु विज्ञान प्रदर्शिनी में एक स्टाल लगाया गया जिस पर बड़ी संख्या में किसानो ने जानकारी प्राप्त की साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रे एवं संस्थान के वैज्ञानिको ने किसान मेले में फसल उत्पादन तथा पशु पालन संबंधी जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में लगभग 950 किसानों तथा किसान महिलाओं ने भागीदारी की।

बरेली से ए सी सक्सेना ।

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