आई वी आर आई में अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

बरेली 16 मार्च । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की 24वीं बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रोफेसर (कर्नल) ए.के. गहलोत, पूर्व कुलपति, राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर ने की।

बैठक के उद्घाटन भाषण के दौरान, डॉ गहलोत ने आईवीआरआई के निदेशक और वैज्ञानिकों को संस्थान द्वारा किए गए अनुसंधान, शिक्षण और विस्तार कार्य के लिए बधाई दी। आरएसी सदस्यों ने अध्यक्ष के विचारों का समर्थन किया और आईवीआरआई के बौद्धिक संपदा अधिकार पोर्टफोलियो और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में हुई प्रगति की सराहना की।

बैठक में आईवीआरआई के पूर्व संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ. ओ. एन. कुन्जरू, एनआईएफएमडी के पूर्व निदेशक, डॉ. बी. पटनायक; सीआईआरजी के पूर्व निदेशक डॉ. डी. स्वरूप; गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ जी. एस. ब्राह ने ऑनलाइन भाग लिया।

डॉ त्रिवेणी दत्त, निदेशक, आईवीआरआई ने 2022-23 की अवधि के दौरान संस्थान की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कृषक समुदाय की सेवा में संस्थान द्वारा की गई विभिन्न नई पहलों के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्होंने हितधारकों को प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए संस्थान द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया।

डॉ. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक (शोध), आईवीआरआई ने स्वागत भाषण दिया और विभिन्न हितधारकों के लिए अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकियों के विकास में आईवीआरआई की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न क्षेत्रीय स्टेशनों, परिसरों और उसके बाद विभागों की उपलब्धियों की प्रस्तुति दी गई। आरएसी सदस्यों ने आईवीआरआई की विभिन्न इकाइयों में किए जा रहे शोध पर अपनी टिप्पणियां और इनपुट दिए। पशुधन के प्रबंधन में किसानों द्वारा अपनाई जा रही पारंपरिक प्रथाओं को मान्य करने के लिए एक सुझाव भी दिया गया था। सदस्यों ने पशुधन और पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को अनुकूलित करने में हर्बल दवाओं की क्षमता का उपयोग करने के लिए आईवीआरआई में एक पशु चिकित्सा हर्बल दवा इकाई स्थापित करने की संभावना का पता लगाने का भी सुझाव दिया। नैदानिक अनुसंधान, एपिजेनेटिक्स और सटीक पशुधन खेती पर जोर देने के साथ पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन में भविष्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी जोर दिया गया।

पीएमई प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ जी साई कुमार द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक समाप्त हुई। उन्होंने इस बैठक के आयोजन में शामिल आरएसी सदस्यों, संयुक्त निदेशकों, विभिन्न परिसरों, विभागाध्यक्षों, अनुभागों के प्रभारियों और संयुक्त अनुसंधान निदेशालय की पूरी टीम को धन्यवाद दिया। बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
-----------------------------------------------------------------------------------------------------
-------------------------------------------------------------------------------------------- --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
E-Paper