इधर पड़ी थी बेटी की लाश उधर शौहर का रहा था दूसरी शादी
नई दिल्ली: तीन तलाक के अभी तक आपने कई मामले सुने होंगे लेकिन बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे। उत्तर प्रदेश की बरेली की रहने वाली रूहीना को उसके शौहर ने सिर्फ इस बात पर तीन तलाक दे दिया कि वो बेटे के बजाय बेटी को जन्म दे रही है। रूहीना की शादी बरेली में हुई है। उसके शौहर ने तलाक देकर उसे छोड़ दिया है। रूहीना मायके में है। शौहर ने इस कदर जुल्म किया है कि रूहीना इस बात का जिक्र करते-करते सहम जाती है और आंखों से आंसू बहने लगते हैं।
रूहीना ने बताया कि पति के जुल्म की इन्तेहा इस कदर हो गई थी कि बेटी के जन्म देने के चलते उसे घर से बाहर निकाल दिया था। पहली बेटी हुई तो सास से लेकर देवर और शौहर तक ने उसे कोसा। इसके बाद जब दूसरी बेटी हुई तो उसे घर से बाहर निकाल दिया गया। इसके चलते रूहीना मायके चली गई। दो साल के बाद अचानक शौहर ने जाकर उसे वापस लाने का दबाव डाला।
मुहल्ले वालों के लाख मना करने के बाद भी रूहीना शौहर के साथ ससुराल आने को राजी हो गई। रूहीना ने बताया कि ससुराल आए मुश्किल से चार दिन ही गुजरे थे। शौहर ने मिट्टी का तेल छिड़ककर बेटी और उसे जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की। पड़ोसियों के सही वक्त पर आने के चलते उसकी जान बची। इस घटना के बाद रूहीना अपने मायके वापस लौट गई।
शौहर ने चंद दिनों के बाद तीन तलाक का फरमान सुनाकर उससे नाता तोड़ लिया। रूहीना की छोटी बेटी की जिस दिन मौत हुई, उसी दिन शौहर ने दूसरी शादी रचा ली। रूहीना ने शौहर को बेटी की मौत की खबर भिजवाई, लेकिन इस पर भी उसका दिल नहीं पसीजा। रूहीना कहती हैं कि तील तलाक के लिए सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए। महिलाओं के हक और भविष्य के लिए मोदी सरकार ने आखिर कुछ तो सोचा।

बरेली की एक और मुस्लिम महिला हैं नूरी। शौहर ने तीन तलाक देकर उन्हें घर से बाहर कर दिया है। नूरी अपनी बदकिस्मती पर रो रही हैं। नूरी ने जब अपना दर्द मीडिया से बयां किया तो शौहर ने उसके घर पर आकर जान से मारने की धमकी दी। नूरी ने बताया कि 28 दिसंबर की ही बात है। उसने ‘आजतक’ के ऑफिस आकर अपना दर्द देश के सामने रखा तो उसके बदले शौहर ने पुलिस से मिलकर उसके भाई और पिता को जेल भिजवा दिया। नूरी कहती हैं कि शौहर उसे धमकाते हुए कहता है कि उसे सजा बाद में होगी, उससे पहले वो सजा देगा।
नूरी ने कहा कि सरकार जो कानून ला रही है, उसमें तीन साल से ज्यादा सजा का प्रावधान रखना चाहिए। इतना ही नहीं कानून ऐसा सख्त हो कि कोई मर्द अपने पति को तीन तलाक देने की हिम्मत न दिखा सके।









