एसआरएमएस में AMPINC की दो दिवसीय 15वीं वार्षिक साइंटिफिक कांफ्रेंस का शुभारम्भ

बरेली ,18 दिसम्बर । एसआरएमएस मेडिकल कालेज में एसोसिएशन आफ मेडिकल फिजिसिस्ट आफ इंडिया के नार्दन चैप्टर (A.M.P.I.N.C.) की दो दिवसीय 15वीं वार्षिक साइंटिफिक कांफ्रेंस का कल शुभारम्भ हो गया । मेडिकल कालेज के आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर स्थित रेडिएशन ओंकोलाजी विभाग द्वारा आयोजित इस साइंटिफिक कांफ्रेंस का उद्घाटन एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक, चेयरमैन देवमूर्ति जी ने किया। उत्तर भारत के नौ राज्यों के मेडिकल फिजिसिस्ट को उन्होंने संबोधित किया। कहा कि कैंसर तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालांकि अब यह महामारी नहीं रहा। बस जरूरत आरंभिक चरणों में इसकी पहचान की है। उम्मीद है कि साइंटिफिक कांफ्रेंस ऐसे शोध की बुनियाद रखेंगी। देवमूर्ति जी ने कहा कि अभी भी कैंसर का इलाज महंगा है और इसके लिए जरूरी फिजिसिस्ट भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इलाज को सस्ता करना और फिजिसिस्ट की संख्या को बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कैंसर प्रभावित अंगों को रेडिएशन देने के दौरान शरीर के अन्य अंगों पर इसके दुष्परिणाम को रोकना या न्यूनतम करना भी बेहद आवश्यक है। इस पर भी शोध जरूरी है। उद्घाटन सत्र में साइंटिफिक कांफ्रेंस का ई सोविनियर का भी विमोचन हुआ।

इससे पहले साइंटिफिक कांफ्रेंस के आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन और आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर स्थित रेडिएशन ओंकोलॉजी के एचओडी डा.पियूष कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने साइंटिफिक कांफ्रेंस की थीम रेडिएशन ओंकोलॉजी में पूर्व, वर्तमान और भविष्य की तकनीक की जानकारी दी। एसोसिएशन आफ मेडिकल फिजिसिस्ट आफ इंडिया (A.M.P.I.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई स्थित फिजिक्स सेक्शन के विभागाध्यक्ष साइंटिस्ट डा.एसडी शर्मा ने फिजिसिस्ट को संबोधित कर उनकी भूमिका को स्पष्ट किया। कहा कि फिजिसिस्ट की भूमिका और पहचान सीमित नहीं है। बस जरूरत है नियमित कामों के साथ रिसर्च के लिए समय निकालने की। क्लीनिकल ट्रायल करने और जरूरत के हिसाब से उपकरण डिजाइन करने की। इससे आपको भी पहचान मिलेगी और आपकी रिसर्च से देश भी तरक्की करेगा। एसोसिएशन आफ मेडिकल फिजिसिस्ट आफ इंडिया के नार्दन चैप्टर के अध्यक्ष और यूसीएमएस नई दिल्ली के विजिटिंग फैकल्टी डा.अजय कुमार श्रीवास्तव और एसोसिएशन आफ मेडिकल फिजिसिस्ट आफ इंडिया के नार्दन चैप्टर के सेक्रेटरी डा.आरके बिष्ट ने भी उद्घाटन संत्र को संबोधित किया। अतिथियों सहित सभी उपस्थित लोगों का आभार सेक्रेटरी मेडिकल फिजिसिस्ट जितेंद्र निगम ने जताया। इस मौके पर मेडिकल कालेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति जी, प्रिंसिपल डा. एसबी गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.आरपी सिंह, वाइस प्रिंसिपल डा.एनके अरोड़ा, डीन पीजी डा.रोहित शर्मा, डा.अरविंद चौहान, डा.पवन कुमार, डा.आयुष गर्ग, डा.राशिका सचान, डीएसडब्ल्यू डा.क्रांति कुमार, साइंटिफिक चेयरपर्सन सेलिम्बरासन एनएस, नविथा एस, सभी विभागाध्यक्ष, फैकल्टी और मेडिकल स्टूडेंट मौजूद रहे।

उद्घाटन समारोह के साथ पहले दिन पांच साइंटिफिक सत्र आयोजित हुए। पहले सत्र में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई के मेडिकल फिजिक्स विभागाध्यक्ष, साइंटिस्ट डा.सुनील दत्त शर्मा ने रेडिएशन ओंकोलॉजी में भविष्य की तकनीकों की जानकारी दी। टाटा मैमोरियल हास्पिटल मुंबई के प्रोफेसर डा.राजेश किन्हीकर ने पब्लिक सेक्टर में प्रोटान थेरेपी सेटअप की अब तक की यात्रा पर व्याख्यान दिया। दूसरे सत्र में बीएचयू के प्रोफेसर (डा.) ललित मोहन अग्रवाल ने प्रोफेसर एनसी सिंघल ओरेशन के तहत फिजिसिस्ट के महत्व और इनकी जिम्मेदारियों को बताया। उन्होंने खुद के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ज्यादातर लोग इस प्रोफेशन के बारे में नहीं जानते। आप कितना भी काम कर लें, इसका कोई महत्व नहीं। पहचान बनाने के लिए मेडिकल फिजिसिस्ट को स्किल बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए नियमित काम करने के साथ रिसर्च करने और अपने शोध पत्रों को प्रकाशित करवाना जरूरी है।

आपको लोग पहचानने लगेंगे। तीसरे सत्र में मैक्स हास्पिटल गाजियाबाद के चीफ मेडिकल फिजिसिस्ट दीपक अरोरा ने टोटल स्किन इलेक्ट्रॉन थेरेपी और सर्वोदय हास्पिटल फरीदाबाद के कंसल्टेंट फिजिसिस्ट डा.सीपी भट्ट ने टोटल बॉडी रेडिएशन पर व्याख्यान दिया। चौथे सत्र में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज के असिस्टेंट प्रोफेसर (डा.) अनिल कुमार मौर्य ने ब्रेंकीथेरेपी में वर्तमान में की जा रही प्रैक्टिस और भविष्य के ट्रेंड, एसपी मेडिकल कालेज बीकानेर के एसोसिएट प्रोफेसर (डा.) अथियमन एम ने कैंसर मरीज के उपचार में दी जाने वाली जरूरी मात्रा, एसएन मेडिकल कालेज आगरा के प्रोफेसर (डा.) डा.अनुज कुमार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका और जम्मू कश्मीर स्थित एसके आईएएमएस की रिसर्च आफिसर डा.मिशबा हमीद बाबा ने रेडियो आयोडीन थेरेपी में हाई डोज पर व्याख्यान दिए। पांचवें सत्र में सीएमसी लुधियाना के एसोसिएट प्रोफेसर (डा.) मैरी जॉन ने थ्री डीसीआरटी सेटअप, एम्स झज्जर के वरिष्ठ मेडिकल फिजिसिस्ट डा.आरके बिष्ट ने सरफेस गाइडेड रेडियोथेरेपी, मेदांता गुरुग्राम के वरिष्ठ मेडिकल फिजिसिस्ट डा.वेंकटेशन ने लीनियर एक्सेलरेटर पर व्याख्यान दिए।

बरेली से ए सी सक्सेना ।

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