एसआरएमएस रिद्धिमा में कारवां ए गजल में विद्यार्थियों को मिला गुरुओं का साथ

बरेली , 08 मई। एसआरएमएस रिद्धिमा में कल की शाम कारवां ए गजल के नाम रही। इसमें गायन सीख रहे विद्यार्थियों को गुरुओं का भी साथ मिला। गुरु और शिष्यों की जुगलबंदी में रिद्धिमा के मंच पर देर शाम तक कर्णप्रिय गजल श्रोताओं को झूमने पर मजबूर करती रहीं। कारवां ए गजल का आरंभ इंस्ट्रूमेंटल पर ‘चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना’ से हुआ। विद्यार्थियों ने ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’, ‘होश वालों को खबर क्या’ से मंच संभाला। ‘आपको देख कर देखता रह गया’ गजल में विद्यार्थियों को रजनी अग्रवाल और गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे का भी साथ मिला। एसआरएमएस ट्रस्ट की शैक्षणिक संस्थाओं के प्लेसमेंट सेल के निदेशक डा.अनुज कुमार ने :वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी’ गाकर बचपन को याद किया। वंदना दुग्गल खन्ना ने साहिर लुधियानवी की प्रसिद्ध गजल ‘तुम अपना रंजो गम अपनी परेशानियां’ को स्वर दिए तो श्रबोनी भट्टाचार्य ने ‘ए मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया’ और इंदू परडल ने मिर्जा गालिब की गजल ‘दिल ही तो है रंजो खिश्त’ को गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे ने ‘बेसबब बात बढ़ाने की जरूरत’, गुरु आयुषि मजूमदार ने ‘वो जो हम में तुम में करार था’ को अपनी मखमली आवाज दी। दोनों ने एक साथ ‘दुनिया जिसे कहते हैं’ को भी अपने स्वर दिए। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.रजनी अग्रवाल, डा.रीटा शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से ए सी सकसेना की रिपोॅट

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