एस आर एम एस में आयोजित पहली नेफ्रोकोन कान्फ्रेंस का शानदार समापन

बरेली, 13 मार्च । एसआरएमएस मेडिकल कालेज में आयोजित दो दिवसीय पहली नेफ्रोकॉन कांफ्रेंस का कल शानदार समापन हुआ। दूसरे दिन पेपर प्रेजेंटेशन के साथ साइंटिफिक कांफ्रेंस में देश के नामचीन विशेषज्ञों ने गुर्दा रोग से संबंधित विषयों पर व्याख्यान दिया। सभी ने माना कि डायबिटीज जैसी बीमारियों में तो किडनी की देखभाल के लिए समुचित जांच आवश्यक है ही। साथ में शरीर में सूजन, पेशाब की मात्रा का अचानक कम होना जैसे शरीर में होने वाले छोटे छोटे बदलाव को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। यह लक्षण किडनी की दिक्कतों के हो सकते हैं। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें और जांच कराएं। कांफ्रेंस के समापन पर पेपर प्रेजेंटेशन और पोस्टर प्रेजेंटेशन के विजेता पीजी स्टूडेंट को भी पुरस्कृत किया गया। पेपर प्रेजेंटेशन में एसआरएमएस के डा.अनुभव और जसलीन को पहला और दूसरा स्थान मिला। इसमें राजश्री मेडिकल कालेज के डा.नितिन सोनोने ने तीसरा स्थान हासिल किया। पोस्टर प्रेजेंटेशन में पहला स्थान संयुक्त रूप से एसआरएमएस मेडिकल कालेज की डा. सृष्टि वाधवा और डा.श्रद्धा श्रीवास्तव ने हासिल किया। दूसरा स्थान भी एसआरएमएस की डा.निहारिता जसूजा को मिला। तीसरे स्थान पर रुहेलखंड मेडिकल कालेज के डा. रजत अग्रवाल रहे।
एसआरएमएस मेडिकल कालेज में दो दिवसीय पहली नेफ्रोकॉन कांफ्रेंस का शनिवार को उद्घाटन बिथरी चैनपुर के विधायक डा.राघवेंद्र शर्मा और एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी ने किया था। पहले दिन पोस्टर प्रेजेंटेशन के साथ एक दर्जन से ज्यादा गुर्दा रोग विशेषज्ञों ने इससे संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यान दिए गए। दूसरे दिन साइंटिफिक कांफ्रेंस का आरंभ ओरल पेपर प्रेजेंटेशन से हुआ। इसमें विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के आठ पीजी विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। डा.एमपी रावल, डा.राजीव टंडन, डा.इरफान अहमद, डा. दिव्यांत रावत और डा.जेएस विश्नोई ने इसमें निर्णायक की भूमिका निभाई। इसमें एसआरएमएस के मेडिसिन विभाग के डा.अनुभव गुप्ता को प्रथम स्थान और मेडिसिन विभाग की डा.जसलीन को दूसरा स्थान हासिल हुआ। राजश्री मेडिकल कालेज के डा.नितिन सोनोने ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। 19 पीजी विद्यार्थियों ने पोस्टर प्रेजेंटेशन में हिस्सा लिया। जिसमंस से 12 विद्यार्थी एसआरएमएस के थे। इसमें एसआरएमएस के रेडिएशन ओंकोलॉजी विभाग डा.श्रद्धा श्रीवास्तव और मेडिसिन विभाग की डा. सृष्टि वाधवा ने संयुक्त रूप से पहला स्थान प्राप्त किया। रेडिएशन ओंकोलॉजी विभाग ही डा.निहारिता जसूजा दूसरे स्थान पर रहीं। तीसरा स्थान रुहेलखंड मेडिकल कालेज के डा.रजत अग्रवाल को मिला। इसके बाद साइंटिफिक प्रेजेंटेशन आरंभ हुआ। जिसमें दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया हास्पिटल के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डा.ललित पुर्सनानी ने डायबिटीज के दौरान गुर्दे की बीमारी में मैनेजमेंट पर व्याख्यान दिया। केजीएमयू लखनऊ के विशेषज्ञ डा. लक्ष्य कुमार ने स्टेरॉयड के बाद भी बच्चों के पेशाब में प्रोटीन की मात्रा के नियंत्रित न होने पर व्याख्यान दिया। एम्स नई दिल्ली के डा.संदीप महाजन ने आईसीयू में भर्ती मरीजों के फ्लूड मैनेजमेंट पर बात की तो चरक हास्पिटल लखनऊ के डा.अरुण कुमार ने गुर्दे की बीमारी के दिल पर होने वाले असर को समझाया। धर्मशिला सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल नई दिल्ली के डा.एलके झा ने आईसीयू में भर्ती एक्यूट किडनी इंजरी के मरीज पर व्याख्यान दिया। नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम हास्पिटल के डा.विनंत भार्गव ने एक्यूट किडनी इंजरी के मरीज के गुर्दे के काम करना बंद होने पर किए जाने वाले उपचार पर व्याख्यान दिया। इस मौके पर कार्यक्रम की आर्गनाइजिंग चेयरमैन डा.स्मिता गुप्ता और डा.संजय कुमार, आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.विद्यानंद, डा.ललित सिंह, डा.रोहित टंडन, डा.दीपक दास, डा.सुदीप सरन, डा.सीमा सेठ, डा.विजय गुप्ता, डा.संजय वाजपेयी, डा.मनीष महाजन, डा.विपुल कुमार, डा.एसजेड खान, सभी विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी और विद्यार्थी मौजूद रहे। बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट

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