एस आर एम एस रिद्धिमा में मुंशी प्रेमचंद के नाटक बड़े भाई साहब का मंचन
बरेली , 27 फरवरी। एसआरएमएस रिद्धिमा में कल मुंशी प्रेमचंद लिखित नाटक “बड़े भाई साहब”का मंचन हुआ। “एसआरएम एस रिद्धिमा प्रोडक्शन” द्वारा प्रस्तुत नाटक का निर्देशन शैलेंद्र शर्मा ने किया। इसका मुख्य पात्र बड़े भाई साहब हैं, जो छोटे भाई से पांच साल बड़े हैं और छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते है। दोनों भाई छात्रावास में रहते हैं। बड़े भाई खेलकूद के बजाय पढ़ाई पर ध्यान देते हैं और हर समय पढ़ते रहते हैं। इसलिए कि छोटा भाई उनका अनुसरण कर सके। अपने इस व्यवहार तथा उपदेशों से वो छोटे भाई को अनुशासन में रखने का प्रयास करते हैं, लेकिन छोटे भाई का मन पढ़ने में बिल्कुल नहीं लगता। वह खेलकूद में लगा रहता। कभी वह बड़े भाई से डांट खाकर पढ़ने का मन बनाता है और इसका टाइम टेबल बनाता है, लेकिन अगले ही पल उसकी अवहेलना भी शुरू कर देता है। बड़े भाई साहब बार- बार परीक्षा में फेल हो जाते हैं और छोटा भाई बार-बार कम पढ़ने के बाद भी अपनी कक्षा में प्रथम आता है। कहानी के अंत में लेखक ने बड़े भाई साहब के मन का रहस्य खोला है कि छोटे भाई को उसके कर्तव्यों का बोध कराने के कारण ही वह खेल नहीं पाते। पतंग उड़ाने को उनका भी मन करता है, लेकिन यदि वही गलत रास्ते पर चलेंगे तो छोटे भाई का मार्गदर्शन कैसे करेंगे। इसके बाद छोटे भाई को अपनी गलती का एहसास होता है और वह बड़े भाई से माफी मांगता है। बड़े भाई, छोटे को गले लगा लेते हैं। इसी समय बातों के बीच एक पतंग कट कर उधर आती है और दोनों भाइयों के चेहरे पर खुशी आ जाती है। बड़े भाई साहब उछलकर पतंग की डोर पकड़ लेते है और हॉस्टल की छत पर दौड़ पड़ते हैं। छोटा भाई भी उनके पीछे दौड़ने लगता है। मुंशी प्रेमचंद ने बड़े भाई साहब की कहानी से यह दिखाने का प्रयास किया है कि हम स्वयं अच्छा दिखने के प्रयास में अपनी स्वाभाविक इच्छाओं को दबा देते हैं, जिससे वास्तविक जीवन में गतिरोध पैदा हो जाता है। नाटक में बड़े भाई साहब का चरित्र मोहसिन खान ने निभाया और छोटे भाई की भूमिका अभिनव शर्मा ने। इनके दोस्तों की भूमिका में सूर्यप्रकाश, फरदीन, विशा, रिया सक्सेना मंच पर सामने आए। नाटक में संगीत उमेश मिश्रा और जनार्दन भारद्धाज ने दिया। जबकि प्रकाश संचालन की जिम्मेदारी रविंद्र और जसवंत ने संभाली। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, डा. रीटा शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से ए सी सकसेना की रिपोटॅ