ऐसा होने से मास्क की फिल्टर करने की क्षमता पर पड़ता है असर
कोरोना वायरस से बचाव के लिए चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क से वायरस के फैलने का खतरा कम होता है। पर मास्क लगाने के बाद बार-बार खांसने से जिससे फिल्टर करने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है। शोधकर्ता ने यह बात कही है। आपको बता दे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एअर-फिल्टर्स और फेस शील्ड से लैस हेल्मेट समेत निजी सुरक्षा उपकरण पहनने का आग्रह किया गया है।
साइप्रस में यूनिवर्सिटी ऑफ निकोसिया के तालिब दिबुक और दिमित्रिस द्रिकाकिस समेत वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर मॉडलों का प्रयोग कर जांच में यह पता लगाया कि जब मास्क पहनने वाला किसी व्यक्ति बार-बार खांसी आती है तो खांसने से गिरने वाली छोटी-छोटी बूंदों के प्रवाह की क्या प्रवृत्ति होती है।
इससे पहले किये गए एक शोध में यह पाया गया है कि जब बिना मास्क पहने व्यक्ति खांसता है तो उसकी लार की बूंदें पांच सेकंडों में 18 फुट तक की दूरी तय कर सकती हैं। पत्रिका ‘फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित इस अध्ययन में चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क की फिल्टर की क्षमता का अध्ययन किया गया।
शोध के माध्यम से यह मालूम हुआ है की मास्क से हवा में लार की बूंदों के फैलने का खतरा कम हो सकता है लेकिन बार-बार खांसने से उसकी क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यहां तक कि मास्क पहनने पर भी लार की बूंदें कुछ दूरी तक गिर सकती हैं। शोध में कहा गया है कि मास्क न पहनने पर लार की बूंदों के गिरने की दूरी दोगुनी हो जाती है।