गोवा के राज्यपाल ने कहा- 1975 से 1977 तक का समय हमारे लोकतंत्र में ‘सबसे अंधकारमय दौर’ था
नई दिल्ली: गोवा के राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने बुधवार को अपने गणतंत्र दिवस भाषण में परोक्ष रूप से आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 1975 से 1977 के बीच का समय हमारे लोकतंत्र में ‘सबसे अंधकारमय दौर’ था। पिल्लई 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पणजी के कैम्पल ग्राउंड में औपचारिक परेड का निरीक्षण करने के बाद राज्य को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा, “कल्याणकारी राज्य क्या है? (इसका अर्थ है) इस देश के सभी नागरिकों और लोगों का कल्याण। क्या हमने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया है, यह एक सवाल है जिसका जवाब दिया जाना चाहिए।” पिल्लई ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देशों में शीर्ष पर है।
उन्होंने कहा, “हम कोशिश करेंगे और अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करेंगे। राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं चल सकता जब तक कि सामाजिक लोकतंत्र न हो।” राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक लोकतंत्र का तात्पर्य जीवन के उस तरीके से है, जो लोगों की स्वतंत्रता व समानता को मान्यता देता है। उन्होंने कहा, ”हमारे इतिहास में, इन सभी सिद्धांतों का वास्तव में पालन किया गया है। बेशक, 1975 से 1977 तक का समय हमारे लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय दौर था।” देश में 1975 से 1977 के बीच 21 महीने तक आपातकाल लागू रहा था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश भर में आपातकाल की घोषणा की थी।