चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा का एकदिवसीय सत्र आज हुआ। विशेष सत्र में अन्‍य मुद्दों पर चर्चा के अलावा पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा कानून लागू करने के विरोध में प्रस्‍ताव पेश किया। प्रस्‍ताव पर चर्चा के बाद इसे सर्वसम्‍मति से पारित कर दिया गया। बहस के दौरान अधिकतर सदस्‍यों ने इस प्रस्‍ताव का समर्थन किया। इसके बाद अब मुख्‍यमंत्री भगवंत मान बहस का जवाब दिया। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम दमनकारी है। इस प्रस्‍ताव को सदन में सर्वसम्मति पारित किया जाए।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस कदम से पंजाब के अधिकारों पर चोट की है। इसके साथ ही भगवंत मान ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्‍होंने इशारों में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भी हमला किया। जब भगवंत मान बोल रहे थे तो कांग्रेस के राणा गुरजीत सिंह और अन्‍य कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। इस पर आप विधायकों व कांग्रेस विधायकों के बीच कहासुनी हुई। इस दौरान राणा इंद्र प्रताप सिंह को स्‍पीकर ने हंगामा करने पर सदन से नेम कर दिया।

सीएम भगवंत मान ने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू करना पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन है। पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्र ने बाहर के अधिकारियों को तैनात किया है। इससे पहले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में भी फेरबदल किया। पहले बोर्ड के पद पंजाब से भरे जाते थे। मगर इसे खत्म कर दिया है, अब पूरे देश से भरे जा सकते हैं। इसके बाद चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू कर दिया है। भगवंत मान ने चंडीगढ़ को पंजाब को देने का प्रस्ताव पेश किया।

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