चार साल के उपचुनाव में कांग्रेस आगे, भाजपा पीछे रही
लखनऊ ट्रिब्यून, जयपुर ब्यूरो: राजस्थान में 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत के बाद हुए उपचुनावों में कांग्रेस का ही पलडा भारी रहा है। साल 2014 में हुए विधानसभा उपुचनाव में कांग्रेस ने तीन सीटें जीती थी पिछले साल हुए धौलपुर उपचुनाव में हालांकि भाजपा को जीत मिली लेकिन प्रदेश में दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 29 जनवरी को हो रहे अलवर व अजमेर लोकसभा सीट व भीलवाडा को मांडलगढ विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस सरकार विरोधी लहर के सहारे बेहत्तर प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठी है।
प्रदेश में अब तक विधानसभा क्षेत्रों के चार उपचुनाव हुए है इनमें से तीन में कांग्रेस को जीत हासिल हुई सत्ताधारी भाजपा को दो सीटो पर ही संतोष करना पडा, जबकि उपुचनावों के नतीजे सत्ताधारी दल के पक्ष में ही जाने की सम्भावना ज्यादा रहती है कांग्रेस को हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में अब तक की करारी हार मिली थी, लेकिन विधानसभा उपचुनावों के अलावा कांग्रेस ने पंचायत व निकाय चुनावों में भी बेहत्तर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का मत प्रतिशत बढा साल 2014 में कोटा दक्षिण वेर भरतपुर, सूरजगढ झुझूनं व नसीराबाद अजमेर विधानसभा सीटो पर उपचुनाव हुआ था इनमें से कांग्रेस ने वेर सूजरगढ और नसीराबाद की सीटें भाजपा से छीन ली, जबकि कोटा दक्षिण सीट पर उसका कब्जा बरकरार रहा। इसके बाद पिछले साल 9 अप्रेल को धौलपुर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव हुआ।
इसमें भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग 40 हजार मतों से हराकर बसपा के खाते में गई सीट छीन ली। भाजपा सरकार विकास के तमाम दावों के बाद भी उपचुनावों में कांग्रेस के मुकाबले उन्नसी ही साबित हुई है जातिगत समीकरण और सरकार के प्रति लोगों को नाराजगी के सहारे कांग्रेस ने भाजपा को इतना दबाव मे ला दिया है कि चुनाव क्षेत्रों में भाजपा को मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं को एक एक विधानसभा क्षेत्र का जिम्मा सापना पडा है ये उपचुनाव कांग्रेस औश्र भाजपा दोनो के लिए विधानसभा चुनाव से पहले का लिटमस टेस्ट है तीनों उपचुनावों के नतीजे दोनो दलो का ही सियासी भविष्य तय करने वाले साबित होंगे।
हाल ही गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को कडी टक्कर देने के बाद कांग्रेस को प्रदेश के स्थानीय निकाय व पंचायत उपचुनाव में भी अच्छी सफलता मिली है जिला परिषद की सभी सीटों पर कांग्रे्र्रस ने कब्जा किया इसके अलावा 27 में से 16 पंचायत समितियों और छह नगर पालिकाओं की सीटो पर भी कांग्रेस को जीत मिली। सत्तारूढ भाजपा 10 पंचायत समिति और सात नगरपालिका सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी।









