चौथा अन्तर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन सम्पन्न


लखनऊ: आज दिनांक 18 मार्च 2023 को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय हाल में चौथा अन्तर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन सम्पन्न हुई। उद्घाटन श्री राम नाईक जी, पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया। अध्यक्षता श्री ब्रजेश पाठक, मा0 उप-मुख्यमंत्री उ0प्र0 जी द्वारा की जानी थी। उन्हें मा0 रक्षामंत्री भारत सरकार के साथ कार्यक्रमों में जाना था इसलिए उनकी गैर हाज़िरी में इसकी अध्यक्षता प्रो0 शारिब रूदौलवी ने की। श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उनके स्तर से जो भी मदद होगी वह की जायेगी।

चौथे सम्मेलन में अमेरिका, कनाडा, नामिबिया, वियतनाम, अफग़ानिस्तान, म्यांमार आदि मुल्कों के लोग भी मौजूद थे। डॉ0 अम्मार रिज़वी ने कहा कि उर्दू भारत की ज़बान है। अमीर खुसरो ने इसे हिन्दवी नाम दिया था। डॉ0 रिज़वी ने कहा कि 1947 में उर्दू ज़बान को गलत तरीके से पडोसी मुल्क ने अपने यहां इस्तेमाल करना चाहा जिसके कारण पड़ोसी मुल्क दो हिस्सो में बट गया।

डॉ0 रिज़वी ने कहा कि इस सम्मेलन की कोशिश भाषाओं के ज़रिये राष्ट्रीय एकता एवं विश्व शान्ति लाना है। उन्होंने कहा कि पंडित नवल किशोर के नाम पर एक दारूल तर्जुमा कायम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विष्व में करीब 60 करोड़ लोग उर्दू बोलते हैं इसलिए संयुक्त राष्ट्र में इसे मान्यता मिलनी चाहिये। डॉ0 रिज़वी ने कहा कि वह मा0 मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करेंगें कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती भाषा विश्वविद्यालय को इसके पुराने नाम ख्वाजा मोईनुद्दीन चिष्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाये, जैसा इसकी स्थापना के समय था।

सम्मेलन में प्रो0 राज बिसारिया को वाजिद अली शाह पुरस्कार से, श्री रवि भट्ट को पंडित रतन नाथ सरशार पुरस्कार से, श्री मनीष शुक्ला जी को पंडित बृजनारायण चकबस्त पुरस्कार से, श्री जयन्त कृष्णा को अवध की सांस्कृति और भाषा की सेवाओं के लिए दोस्त़़-ए-उर्दू पुरस्कार दिया गया। यूनिवर्सल बुक डिपो की स्थापना और साहित्य जगत कि की गयी सेवाओं के लिए स्व0 गोबिन्द राम को पुरस्कार से सम्मानित किया जिसे उनके पुत्र श्री चन्द्र प्रकाष उर्फ चन्दू बाबू ने लिया।

डॉ0 रिज़वी ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि जर्मनी से डॉ0 आरिफ नक़वी, यू0के0 से डॉ0 एहसन ज़ैदी, कनाडा से डॉ0 तक़ी आब्दी व श्री रेहान खान, आस्ट्रेलिया से श्री मोहिब हारून, यू0ए0ई0 से श्री रिज़वान सिद्दीकी एवं नेपाल से मा0 उच्च न्यायालय नेपाल के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति डॉ0 सलाहुद्दीन अख्तर सिद्दीकी ने अगली कान्फ्रेेंस उनके मुल्क में करने के लिए न्योता दिया है।

राम नाईक, पूर्व राज्यपाल उ0प्र0 ने कहा कि लखनऊ से कुछ दूरी पर नैमिष है, जहॉं से महाऋषि व्यास जी ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेष दिया था। हम लोग आज़ादी का अमृत महोत्सव भी मना रहे हैं। भारत श्री नरेन्द्र मोदी माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं दिषा निर्देषन में जी-20 की अध्यक्ष कर प्रगतिषील देषों की प्रथम पंक्ति में नज़र आ रहा है।

डॉ0 रिज़वी ने कहा कि हमें पूर्ण आशा है कि यह कांफ्रेंस आपस में दोस्ती और महोब्बत पैदा करने के साथ साथ विष्व में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। अन्त में डॉ0 शकील किदवई ने कान्फ्रेंस के मुख्य अतिथि, गणमान्य व्यक्तियों, फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन जनाब तूरज ज़ैदी, उ0प्र0 उर्दू अकादमी के चेयरमैन जनाब चौधरी कैफल वरा, सचिव श्री एस0एम0 आदिल हसन, राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद नई दिल्ली के निदेषक प्रो0 अक़ील अहमद, लखनऊ विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिष्ती भाषा विष्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ0 अनीस अंसारी, प्रो0 शारिब रूदौलवी, प्रो0 आरिफ अय्यूबी, नवाब मीर जाफर अब्दुल्ला, मो0 अतहर नबी, श्री मधुकर जेटली, डा0 शकील किदवई, प्रो0 आरूप चक्रवर्ती, डॉ0 अमृता दास, प्रो0 सुलेमान अम्मार रिज़वी, विभिन्न महाविद्यालयों से प्राचार्यों अध्यापको, छात्र-छात्राओं एवं सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर मालवीय हाल पूरी तरह से भरा हुआ था।

 

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