छत्तीसगढ़ के इस गांव में 7 दिन पहले मनाई जाती है होली, सदियों से चली आ रही परंपरा
धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का सेमरा- सी 3 गांव जहां त्योहार मनाने की अपनी एक अलग ही परंपरा है। यह गांव अन्य गांवों की तरह आम जैसा है, लेकिन पर्व समय से पहले मनाया जाता है। यह गांव बालोद और दुर्ग की सरहद पर है।
मान्यता है कि समय पर पर्व मनाने से गांव पर विपदा आन पड़ती है। इस परंपरा के पीछे एक किंवदंती भी है, जिससे यहां के बुजुर्ग भी अनजान है। इस बार होली गांव में 13 मार्च को मनाने का फैसला लिया है, जबकि देशभर में पंचांग के मुताबिक 18 मार्च को होली मनाएंगे। 12 मार्च की रात 12 बजे सिरदार देव (ग्राम देव) की पूजा कर होलिका दहन की परंपरा निभाई जाएगी। तैयारी में पंचायत के अलावा ग्रामीण जुटे है। यह गांव धमतरी से 45 किलोमीटर की दूरी पर है।
सेमरा-सी के बुजुर्ग सेऊकराम सिन्हा (85), हीरू प्रजापति (82), रामलाल देवांगन (71), घनश्याम राम (65) ने बताया कि गांव में सैंकड़ों साल पहले एक बुजुर्ग आया और यहीं बस गया। उनका नाम सिरदार था। गांव वालों की उनमें आस्था थी। ग्राम देवता के रूप में उनकी पूजा की गई। एक हफ्ते पहले त्योहार मनाने की परंपरा शुरू कैसे हुई इसका जवाब कोई नहीं जान पाया।
वहीं सरपंच खिलेश्वरी निषाद ने बताया कि सेमरा-सी धमतरी से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। गांव की जनसंख्या करीब 1300 और मकान 182 है। यहां होली, दिवाली, पोला, हरेली जैसे 4 प्रमुख त्योहार है, जिसे तिथि पर नहीं, बल्कि एक हफ्ते पहले मनाया जाता है।