छा गया सलमान
कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। इस शेर को सही साबित किया है मुरादाबाद के हमीरपुर गांव निवासी सलमान ने। सलमान खुद दोनों पैरों से दिव्यांग है, लेकिन उसने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जूते-चप्पल की फैक्टरी लगाकर सलमान दूसरे दिव्यांगों का सहारा बन गया है।
इस समय उसने 30 दिव्यांगों को उसने रोजगार दे रखा है। सलमान के हौसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सलाम किया है। दरअसल, हमीरपुर गांव निवासी ग्राम प्रधान हुस्न जहां का बेटा सलमान जन्म से ही दोनों पैरों से दिव्यांग है। वह 12वीं उत्तीर्ण है। सलमान को जब नौकरी नहीं मिली, तो उसने अपनी तरह के लोगों को रोजगार देने की ठान ली।
इसके लिए उसने अपने गांव में पांच लाख रुपए लगाकर टारगेट नाम से कंपनी खोली और चप्पल व डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू किया। अब उसका कारोबार साथियों का वेतन निकाल कर लाभ में पहुंच गया है।