जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की 7वीं बैठक हुई सम्पन्न
बरेली, 28 मई। जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में कल एसपीओ एवं कृषि आधारभूत संरचना निधि एआईएफ योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति डी0एल0एम0सी0 की 7वीं बैठक कलेक्ट्रेट सभागार सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी को जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड ने अवगत कराया कि आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत कृषकों की आय बढ़ाने एवं आधारभूत संरचना सृजित करने के उद्देश्य से केंद्र पोषित एसपीओ एवं कृषि आधारभूत संरचना निधि की स्थापना की गई है। इस योजना का उपयोग फार्म गेट अवसंरचना एवं एकत्रीकरण केंद्र को बढ़ावा देना, पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान को कम करना, बिचौलियों को हटाना एवं किसानों को फसलों के विपरण में सहयोग करना, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके। योजना के अंतर्गत दो करोड़ रुपए तक के ऋणों के लिए 03 प्रतिशत ब्याज सहायता अधिकतम 07 वर्षों तक उपलब्ध है। इस निधि के अंतर्गत लाभार्थी ऋण सुगमता से मिल, इसके लिए कृपया दो करोड़ रुपए के परियोजना तक सीजीटीएमएसई के रूप में क्रेडिट गारंटी की भी व्यवस्था की गई है। भारत सरकार सीजीटीएमएसई के शुल्क का व्यय वहन करेगी। लाभार्थी को परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत स्वयं वहन करना होगा। उन्होंने बताया कि एसएफएसी एवं नैफेड द्वारा जनपद में 16 एफपीओ गठित हैं।
जिलाधिकारी ने कृषि एवं अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए इस योजना के अंतर्गत किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी विकास खंडों में किसानों के साथ बैठक करें। जिला विकास प्रबंधक ने समिति के सभी सदस्यों को बताया कि एआईएफ योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के लिए 12831 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और एनसीडीसी इस योजना के पात्र वित्तीय संस्थान है। नाबार्ड से पुनर्वित्त सुविधा उपलब्ध है। परियोजना का प्रबन्धन कृषि विभाग द्वारा ऑनलाइन प्लेट फार्म के जरिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला सहकारी बैंक बरेली से जुड़े पी0ए0सी0एस0 को इस योजना अंतर्गत पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन और सामुदायिक कृषि से जुड़े परियोजना को बढ़ावा देने के लिए 04 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिस पर भारत सरकार द्वारा 03 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी उपलब्ध है। इस योजना में जिले में अब तक कुल प्राप्त 100 प्रस्तावों में से 65 प्रस्तावों को बैंकों से स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी तथा ए0पी0ओ0 को निर्देश दिए की किसानों को मेंथा व साठा धन की जगह पर लेमन ग्रास, तुलसी, अश्वगंधा, सतावर आदि की खेती करने के लिए प्रेरित करें, जिससे पानी की भी बचत होगी और अधिक आय भी किसानों को मिल सकेगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री जग प्रवेश, अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्रीमती ऋतु पुनिया, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड श्री धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सुमन के0, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट