जिस बेटी के जन्म लेने पर नाराज हो गई थी दादी, उसी बेटी ने IAS बनकर बढ़ाया परिवार का मान,पढ़िए निशा चाहर की कहानी

कहते हैं मन से की गई मेहनत कभी भी बेकार नहीं होती है और यही कहानी को सच कर दिखाया निशा ने. हिंदी में एक कहावत है मन से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, यह कहानी झुंझुनू की बेटी ने सच कर दिखाया है.

झुंझुनूं के चारावास गांव की बेटी निशा चाहर आईएएस जैसे परीक्षा को पास करके अपने परिवार के साथ साथ पूरे झुंझुनू का नाम रोशन किया है. उन्होंने upsc मे 117वी रैंक हासिल किया है. निशा की दादी निशा के IAS बनने पर सबसे ज्यादा खुश हैं. उन्होंने बताया कि जब निशा का जन्म हुआ तब उन्हें बहुत ज्यादा दुख हुआ कि घर में बेटी पैदा हो गई लेकिन आज उनकी पोती ने बेटे से ज्यादा घर का नाम रोशन किया है. निशा को भी बेटी होने पर बहुत ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ा था. हर जगह उन्हें बेटे बेटी में फर्क दिखाया जाता था लेकिन आज उन्होंने ऐसा कर दिखाया जिससे आज पूरे जिले को उन पर नाज है.

उनकी दादी नाचनी देवी ने कहा कि जब निशा पैदा हुई थी उस समय पूरे घर में दुख छा गया था सबको ऐसा लगा कि काश इसकी जगह कोई बेटा पैदा हुआ होता तो घर का नाम रोशन करता. उनकी दादी ने बताया कि जब निशा यूपीएससी में पास हुई तब उन्होंने जमकर डांस किया और भगवान के पास रोज एक बार दिया जलाने वाली दादी उस दिन भगवान के पास 2 बार दिया जलाई.

यूपीएससी की परीक्षा को लेकर निशा कैंडिडेट को यह राय देती है कि इस परीक्षा की तैयारी अच्छी रणनीति से करें और साथ ही साथ कड़ी मेहनत करें तभी इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं.

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