नेटवर्क के लिए रोजाना दो किलोमीटर दूर पहाड़ों पर चढ़कर लेता है ऑनलाइन क्लास, मदद को आगे आए सहवाग
जयपुर: कोविड-19 महामारी के चलते पूरे देश में व्यापार गतिविधियों सहित स्कूल-कॉलेज ठप हैं। बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए आनलाइन क्लासेज का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन समस्या यह है कि देश के सुदूर क्षेत्रों में नेटवर्क ही नहीं मिलता, लेकिन कहा है ना कि जहां चाह वहां राह… इसे सच कर दिखाया है राजस्थान के बाड़मेर जिले के दरुड़ा गांव के रहने वाले हरीश ने।
हरीश कुमार जिले के पचपदरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा सातवीं का विद्यार्थी है। कोविड-19 के चलते स्कूल बंद है। डेढ़ महीने से लगातार ऑनलाइन क्लास शुरू है। जब हरीश ने ऑनलाइन क्लास के लिए इंटरनेट ऑन किया तो इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं थी। लिहाजा हरीश ने तय किया कि वह अपनी किसी भी हाल में पढ़ाई नहीं छोड़ेगा। हरीश ने तय किया कि वह रोज सुबह जल्दी उठकर 2 किलोमीटर पहाड़ी पर जाकर टेबल और कुर्सी के साथ अपनी क्लास अटेंड करेगा।
अब हरीश रोजाना 2 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर चढ़कर सुबह 8 बजे जाता है और कुर्सी-टेबल लगाकर भरी दोपहर में 1 बजे तक पढ़ाई करता है। छात्र की पढ़ाई के प्रति लगन को देखकर महान क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट कर मदद करने की बात कही है। हरीश जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गांव में रहता है।
हरीश बताता है कि गांव में इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है लेकिन वह किसी भी हाल में अपनी कोई भी क्लास मिस नहीं करना चाहता। इसलिए उसने यह सफर तय किया है। दिक्कत तो बहुत है लेकिन हौसले पूरे बुलंद हैं। मैं रोज सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक पहाड़ पर जाकर पढ़ाई करता हूं। हरीश के पिता वीरमदेव बताते हैं कि आज भी ग्रामीण इलाकों में फोन की कनेक्टिविटी नहीं है जिसके चलते वह शिक्षा से वंचित हैं। ऐसे में सरकार को ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को दुरस्त करवाना चाहिए ताकि कोविड-19 में भी ग्रामीण इलाकों के बच्चे पढ़ लिख सकें और शिक्षा से दूर न हो।