प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर मेयर और विधायकों ने क्षय रोगियों को लिया गोद । टी बी मुक्त राष्ट्र को लेकर आयोजित किया कार्यक्रम

बरेली: माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में टीबी मुक्त राष्ट्र का सपना साकार होता नजर आ रहा है। कल यहाँ जिला अस्पताल में टीबी मुक्त राष्ट्र कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशासन के साथ, मा0 मंत्री, मा0 विधायक और मा0 मेयर ने टीबी मुक्त राष्ट्र को लेकर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान 20 टीबी रोगियों में मा0 महापौर उमेश गौतम ने सात, प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ0 अरुण कुमार ने पांच, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने पांच, महानगर अध्यक्ष डॉक्टर के एम अरोड़ा ने तीन, बंटी ठाकुर समेत कई पदाधिकारियों ने क्षय रोगियों को गोद लिया। उनके पोषण, आहार और चिकित्सा व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए गए। बरेली जिले में हाल ही में 100 से ज्यादा टीबी रोगी चिन्हित किए गए थे। वेलनेस सेंटर्स के जरिए इसका बेहतर इलाज किया जा रहा है।

नौ लाख रुपये टीबी के इलाज का खर्चा, मुफ्त कर रही है सरकार ।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ केके मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल क्लीनिक में करीब 7000 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से 2700 मरीजों को समाज के स्वयंसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधि अन्य गणमान्य लोगों ने गोद लिया है। वर्तमान में जिले में डेढ़ सौ निक्षय मित्र हैं। सम्मिलित प्रयास से टीबी से जंग लड़ी जा रही है। टीबी के इलाज में नौ लाख का खर्च आता है। लेकिन सरकार टीबी रोगियों का मुफ्त इलाज कर रही है। 2025 तक राष्ट्र को टीबी मुक्त करने का सरकार का लक्ष्य है।

देश में वर्तमान में कुल 13,51,611 टीबी रोगी हैं।  प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के तहत पूरे देश भर में टीबी रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था की जा रही है। जिससे जल्द से जल्द टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश और टीबी मुक्त राष्ट्र बनाया जा सके। जिला क्षय रोग अधिकारी के मुताबिक किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी आ रही है। खांसी के साथ बलगम का आना, भूख कम लगना, बुखार का आना और शाम के समय वजन कम होना टीबी के लक्षण है।

टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए निक्षय मित्र योजना शुरू की गई है। योजना में टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की व्यवस्था है। कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई, संगठन, राजनीतिक दल, टीबी मरीज को गोद ले सकेगा। इलाज में उसकी मदद करायेगा। उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जायेगी। अभियान में व्यक्ति या संस्था को कम से कम 6 माह के लिए और अधिक से अधिक 3 साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण व जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है।

बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट

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