बारिश व बाढ़ प्रभावितों को सोशल मीडिया से जागरूक कर रहा ‘राहत’
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दो लाख से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित हैं। वहीँ, प्रदेश में प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा नदी उफान पर है। जालौन, बांदा में यमुना नदी, लखीमपुर खीरी में शारदा नदी और बाराबंकी में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ऐसे में किसी भी आकस्मिक और विपरीत स्थित से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश का डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ‘राहत’, लगातार सक्रियता के साथ काम कर रहा है। न सिर्फ जमीनी स्तर पर प्रभावितों के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनजागरूकता फैलाई जा रही है। इस क्रम में शुक्रवार को राहत के आधिकारिक कू ऐप अकाउंट से कंट्रोल रूम में निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों संग हेल्पलाइन नंबर आदि शेयर किए।
राहत ने अपनी इस क्रिएटिव पोस्ट में लिखा, “उत्तर प्रदेश के माननीय उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहत आयुक्त कार्यालय स्थित राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर का भ्रमण किया तथा बाढ़ व अन्य आपदाओं के प्रबंधन से संबंधित जानकारी प्राप्त की। माननीय मंत्री जी को भ्रमण के दौरान राहत आयुक्त द्वारा कंट्रोल रूम तथा प्रदेश में आपदा प्रबंधन व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से बताया गया। हेल्पलाइन नंबर 1070 /9454441036 rahat@nicia rahat UPraha U
विभाग ने आकस्मिक बिजली के तत्काल उपाय के बारे में भी बताया। इस पोस्ट में लिखा गया, बिजली गिरने के शिकार का प्राथमिक उपचार!
यदि व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो उसे तुरंत मुंह से पुनर्जीवन दें। ठीक से जाँच करें, तुरंत कार्रवाई करें! ये तथ्य http://www.imdragpur.gavin/does General से लिए गए हैं।”