बिना अनुमति के बेसमेंट का निर्माण किया जाना अवैध खनन की श्रेणी में माना जायेगा : जिलाधिकारी

बरेली, 07 फरवरी। जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी ने सूचित किया है कि परियोजनाओं एवं ऐसे व्यवसायिक भवन, जिनके बेसमेंट का क्षेत्रफल 200 वर्ग मीटर से अधिक हो, के परियोजना प्रस्तावक/आवेदक द्वारा उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमानुसार, 1963 (यथा संशोधित) के नियम-52 के अन्तर्गत अनुज्ञा पत्र लिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के बेसमेंट का निर्माण किया जाना अवैध खनन की श्रेणी में माना जायेगा और अवैध खनन पाये जाने पर उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमानुसार, 2021 के नियम-58 के अन्तर्गत यह प्राविधान है, कि ‘‘जो कोई नियम-3 के उपबंधों का उल्लंघन करें व दोष सिद्ध हो जाने पर दोनों में से किसी प्रकार के कारावास के दण्ड से दण्डनीय होगा। जो पांच वर्ष तक हो सकता है अथवा अर्थदण्ड से दण्डनीय होगा, जो प्रति हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अन्यून दो लाख रुपये एवं अधिकतम पांच लाख रुपये तक हो सकता है अथवा दोनों दण्डों से दंडनीय होगा ।” बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट

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