मा0मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रदेश के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए होंगे महोत्सव, बरेली के जरी जरदोजी, बेंत और बांस उद्योग को लगेंगे पंख

बरेली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के आदेश पर बरेली के जरी जरदोजी ,बांस बेंत और सुनारी उद्योग को पंख लगेंगे। लखनऊ में 30 नवंबर से भारत हस्तशिल्प महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 15 दिनों तक होने वाले इस आयोजन में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की कला संस्कृति का समागम होगा। इसके अलावा इसमें हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम जैसे कई प्रोडक्ट आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम को प्रदर्शित करेंगे। सभी प्रदेशों की कला संस्कृति पर्यटन हस्तशिल्प देसी उत्पाद वस्त्र फर्नीचर मसाले हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट ऑटोमोबाइल समेत अन्य प्रमुख उद्योगों के स्टाल आकर्षण का केंद्र होंगे। इसको लेकर जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा बरेली के सभी हस्तशिल्पियो से आवेदन मांगे गए हैं। यह जानकारी मण्डल आयुक्त श्रीमती संयुक्ता समद्दार ने लखनऊ ट्रिब्यून से विशेष साक्षात्कार के दौरान दी । उन्होंने बताया कि हस्तशिल्पी अपने आवेदन के साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक एक फोटो एवं कार्ड खुद का प्रमाणित किया हुआ जमा करेंगे । उन्होंने बताया कि वह किसी भी कार्य दिवस में जिला उद्योग कार्यालय में संपर्क कर भारत महोत्सव में स्टॉल लगाने के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते है ।

संयुक्त आयुक्त उद्योग, श्री ऋषि रंजन गोयल ने जानकारी दी कि 30 नवंबर से भारत हस्तशिल्प महोत्सव की शुरुआत होगी। 30 नवंबर से 14 दिसंबर तक कांशीराम स्मृति उपवन सांस्कृतिक कार्यक्रम आशियाना लखनऊ, 24 दिसंबर 2022 से 9 जनवरी 2023 तक पोस्टल ग्राउंड सेक्टर ओ अलीगंज लखनऊ में और अवध महोत्सव 2023 में 5 फरवरी से 20 फरवरी तक आयोजित किए जाएंगे। सभी जगह हस्तशिल्प उद्योगों से संबंधित स्टाल लगेंगे। महोत्सव में केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय हैंडीक्राफ्ट पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग सूचना जनसंपर्क विभाग और नाबार्ड की सहभागिता होगी ।

उन्होंने बताया कि भारत हस्तशिल्प महोत्सव के दौरान विभिन्न संस्कृतियों के रंग बिखेरे जाएंगे। कार्यक्रम में प्रदेशों के नृत्य लोक गायन का मंचन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की धमाल, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा उदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेरहताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, दशावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा समेत अन्य राज्यों के नृत्य संगीत और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा का भी आयोजन किया जाएगा।

भारत हस्तशिल्प महोत्सव में कई प्रदेशों के खानपान के स्टाल लगेंगे। इनमें कश्मीरी, राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इंडियन, गुजराती, चाइनीज, अवध मुगलई के अलावा देसी बाटी चोखे के स्टाल रहेंगे। बच्चों को आकर्षित करने के लिए फन जोन होगा। इसमें झूले, खिलौने होंगे। इसके अलावा प्रदेशों के हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, खादी ग्राम उद्योग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक के सामान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही का कालीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, गुजरात की साड़ियां व लहंगे, कानपुर का चमड़े का सामान, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों द्वारा निर्मित अचार, पापड़, क्राकरी के स्टॉल रहेंगे।

बरेली से ए सी सक्सेना ।

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