यूपी के प्राइमरी और जूनियर स्‍कूलों में दिखेगा बड़ा बदलाव, योगी सरकार ने जारी किया ये आदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को लेकर एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत जल्द ही इन सकूलों की व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दरअसल, सरकार ने प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय, विद्यालय या मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए उन्हें अपने पास के सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को गोद लेने का आदेश जारी किया है। यानी कि सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों की साझेदारी। सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले के बाद ही बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने गुरुवार को आदेश किया है। उन्होंने बताया कि आदेश के तहत 5 से 8 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के साथ ट्यूनिंग की जाएगी।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर हमेशा से गंभीर रही है। इसी कड़ी में समय-समय पर उचित कदम उठाए जाते रहे हैं। फिलहाल प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के साथ ट्यूनिंग का आदेश जारी किया गया है। इस योजना के तहत दोनों ही स्कूलों के प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और शिक्षक की जिम्मेदारी होगी कि आगे की रणनीति क्या होगी? इसके बाद ही स्कूलों की ट्यूनिंग करते हुए पीयर या ग्रुप लर्निंग के लिए वातावरण तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जिसके बाद एक लर्निंग हब बनाया जाएगा। इसके माध्यम से ही दोनों स्कूलों के संसाधनों का लाभ छात्रों को हो पाएगा।

बता दें कि सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों का युग्मन एक तरह से दो संस्थानों के बीच मेंटरशिप कार्यक्रम की तरह होगा। इसका एक फायदा ये भी होगा कि जिन संस्थानों के पास जो बेहतर संसाधन होंगे उन्हें वह दूसरे संस्थानों के साथ साझा कर सकेगा। जैसे कि आईटी संसाधन, टीएलएम, पुस्तकालय, खेल का मैदान आदि इत्यादि। दोनों संस्थानों के मिलने से छात्रों के लिए भी एक साथ मिलकर टूर या ऐसे कई आयोजन किए जा सकेंगे। परिषदीय स्कूल निजी या एडेड स्कूल, कॉलेज या विवि से शिक्षण संबंधी सहयोग ले सकेंगे। दोनों स्कूलों या संस्थानों के छात्र और शिक्षक महीने में एक बार मिलेंगे और विद्यालय के भ्रमण में दो घंटे का ठहराव अनिवार्य होगा।

वहीं युग्मन यानी ट्यूनिंग के बाद इन स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए मैपिंग विद्यांजलि पोर्टल पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। इस योजना के तहत निजी विवि, उच्च शिक्षण संस्थानों या फिर निजी संस्थानों द्वारा सरकारी स्कूलों को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, टीएलएम का सृजन, ग्रेड अनुरूप वीडियो का निर्माण, विज्ञान से संबंधित प्रोजेक्ट, किताबें, स्मार्ट क्लासेस, एक्सपोजर विजिट के लिए संसाधन आदि में सहयोग करना होगा।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper