वर्ल्ड में इंडिया के बेस्ट बैट्समैन
अब टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली क्रिकेट के सर्वोत्कृष्ट मुकाम पर पहुंचे हैं। इसी 5 अगस्त को आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में नम्बर-1 बल्लेबाज का तमगा उनके माथे सजा। हालांकि विराट यह मुकाम पाने वाले पहले भारतीय नहीं हैं। उनसे पहले भारत के छह बल्लेबाज यह मुकाम हासिल कर चुके हैं। आइए, जानते हैं विराट सहित उन सभी बल्लेबाजों के बारे में जिन्होंने कभी न कभी अपने बल्ले के जरिए टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में राज किया और भारत का मान बढ़ाया।
सुनील गावस्कर: महानतम बल्लेबाज सुनील गावस्कर भारत के पहले क्रिकेट सुपरस्टार हैं। लिटिल मास्टर के नाम से क्रिकेट दुनिया में मशहूर गावस्कर ने अपने समय के तमाम तेज गेंदबाजों को अपने बल्ले से भोथरा किया है। यही वजह है कि जब भी क्रिकेट की बात होती है बिना गावस्कर का नाम लिये वह पूरी नहीं होती है। 1987 में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले गावस्कर ने अनेकों कीर्तिमान स्थापित किये हैं। गावस्कर ही वह बल्लेबाज हैं जिन्होंने सबसे पहले 10,000 रन बनाने और 30 टेस्ट शतक लगाने का रिकॉर्ड कायम किया। गावस्कर के जमाने में ऐसे कई तेज गेंदबाज थे, जिनके सामने ओपनिंग करना लोहे के चने चबाने जैसा था, लेकिन उन्होंने इन सभी को केवल अपनी जमीन पर ही नहीं, दुनिया के विभिन्न भागों में बखूबी खेला और शान से शानदार रन बनाये। 10 जुलाई, 1949 को मुम्बई में जन्मे गावस्कर के बल्ले की धूम 70 के दशक में जबर्दस्त थी। उनकी कलात्मक और ठोस बल्लेबाजी के चलते ही उन्हें टेस्ट क्रिकेट में नम्बर-1 बल्लेबाज का दर्जा दिया गया था। तब गावस्कर के रेटिंग अंक 916 थे।
दिलीप वेंगसरकर: भारत के क्रिकेट सितारों में शुमार क्रिकेटरों में दिलीप वेंगसरकार का भी नाम शामिल है। 6 अप्रैल, 1956 को जन्मे वेंगसरकर भी मुम्बई से ही हैं। बेजोड़ बैटिंग स्टाइल के कारण वेंगसरकर ने भी ढेरों रन देश और देश के बाहर बनाये। वर्ष 1983 में भारत द्वारा क्रिकेट वल्र्ड कप की ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद वेंगसरकार दिग्गज बल्लेबाज के तौर पर उभरे। 1983-1987 के बीच वेंगसरकार ने मिडिल ऑर्डर बैट्समैन के तौर पर जिस काबिलियत के साथ बैटिंग की, उससे वह सुनील गावस्कर, विवियन रिचड्र्स, एलन बॉर्डर और क्लाइव लॉयड जैसे धुरंधर बल्लेबाजों के बीच चमक कर दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज बने। वेंगसरकर का तब रेटिंग अंक 837 था।
सचिन तेंदुलकर: महान बल्लेबाजों की लिस्ट में सचिन तेंदुलकर का नाम सबसे ऊपर रखने में कोई अतिश्योक्ति नहीं। हर तरह की बल्लेबाजी के कौशल से परिपूर्ण तेंदुलकर भी मुम्बई की माटी से ही हैं। 24 अप्रैल, 1973 में जन्मे सचिन का क्रिकेट की दुनिया में पदार्पण 16 साल की उम्र में हुआ था। भारत रत्न से विभूषित सचिन टेस्ट और वनडे दोनों में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। यही नहीं मास्टर ब्लास्टर ही इकलौते बल्लेबाज हैं, जिनके नाम 100 शतक दर्ज हैं। उन्होंने जब अपना बैट रखा, तो टेस्ट में 51 और वनडे में 49 शतक लगा चुके थे। सचिन अपने करियर के दिनों में 1157 दिनों तक दुनिया के नम्बर-1 बैट्समैन रहे। 2011 में दुनिया के बेस्ट बैट्समैन बने सचिन का रेटिंग अंक तब 898 था। उनके साथ इस मुकाम के साझी थे दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज जैक कालिस।
राहुल द्रविड़: भारतीय क्रिकेट टीम की दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ जैसे बल्लेबाज जिस टीम को मिल जाये, उसका क्या कहना। 11 जनवरी, 1973 को इंदौर (मध्य प्रदेश) में मराठी फेमिली में जन्मे और बेंगलुरु में पले-बढ़े राहुल ने क्रिकेट से संन्यास जरूर ले लिया है, लेकिन वह इन दिनों अंडर-19 और भारतीय ए टीम के कोच हैं। यानी पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित। उनका ऐसा ही समर्पण भारतीय टीम के साथ रहा। दीवार की तरह एक छोर संभालने की खासियत की वजह से ही उनका नाम समकालीन दिग्गज बल्लेबाजों के साथ लिया जाता है, क्योंकि पिच पर अड़ कर खड़े रहने के कारण ही कई मर्तबा भारतीय टीम की जीत की पटकथा उन्होंने ही लिखी। खेल में निरंतरता बनाये रखने में राहुल का कोई सानी नहीं रहा। मध्यमक्रम के बल्लेबाज राहुल को वल्र्ड का बेस्ट बैट्समैन का तमगा उनके करियर की शुरुआत में ही मिल गया था। लम्बे समय तक नम्बर-1 बैट्समैन रहे राहुल का रेटिंग अंक 892 था।
गौतम गंभीर: टेस्ट मैच में टीम इंडिया के रिलाइबल प्लेयर्स रहे गौतम गंभीर बायें हाथ के बल्लेबाज हैं। बैटिंग की तकनीक से लैस गंभीर का जन्म 14 अक्टूबर, 1981 को दिल्ली में हुआ था। वह स्पिन और फॉस्ट बालरों को समान रूप से खेलने में दक्ष हैं। गैती उपनाम से जाने जाने वाले गंभीर की वीरेंद्र सहवाग के साथ जबर्दस्त ओपनिंग जोड़ी थी। गौतम का गोल्डन पीरियड 2008 से 2010 तक रहा। उन्होंने चाहे जैसी भी परिस्थिति रही हो, भारत के लिए रन बनाये। उनका प्रदर्शन 2009 में, तो कमाल का था। इसी साल उन्हें आईसीसी टेस्ट प्लेयर अवार्ड से नवाजा गया था। वह टेस्ट रैंकिंग के पहले पायदान पर कुछ समय तक के लिए रहे। उनका रेटिंग अंक 886 था। वह भारत के इकलौते और दुनिया के चौथे बल्लेबाज हैं जिन्होंने लगातार पांच टेस्ट मैचों में शतक जड़े।
वीरेंद्र सहवाग: बल्ले से गेंदों की निर्मम धुनाई करने में वीरेंद्र सहवाग का जवाब नहीं। इस आक्रामक बल्लेबाज के खिलाफ गेंदबाजों को बहुत पसीना बहाना पड़ता था। उनकी इसी खासियत ने उन्हें भारत के प्रसिद्ध बल्लेबाजों में शुमार कराया। इसी वजह से ही क्रिकेट की दुनिया में भी उनके नाम का खौफ रहा। टेस्ट मैच में भी वनडे स्टाइल में बल्लेबाजी करने के तौर पर भी उन्हें जाना जाता है। ओपनर बल्लेबाज रहे सहवाग किसी भी गेंदबाज को अपने पर हावी नहीं होने देते थे। 20 अक्टूबर, 1978 को नजफगढ़ (दिल्ली) में जन्मे सहवाग नवाब ऑफ नजफगढ़ नाम से भी जाने जाते हैं। विध्वंसकारी बल्लेबाज सहवाग ने टेस्ट में दो बार तिहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। भारत में ऐसा करने वाले वह इकलौते क्रिकेटर हैं। सहवाग ने वर्ष 2010 में दुनिया का नम्बर-1 बल्लेबाज बनने का गौरव हासिल किया था। उनका तब बेस्ट रेटिंग अंक 866 था। उन्हें यह उपलब्धि उस वर्ष तब हासिल हुई थी जब श्रीलंका के खिलाफ लगातार दो शतक जड़े थे।
विराट कोहली: टीम इंडिया के कप्तान इन दिनों इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेल रहे हैं। एजबेस्टन में हुए पहले मैच में उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में पहली पारी में शतक, तो दूसरी पारी में अद्र्ध शतक जड़ा, लेकिन अपनी टीम को 31 रन की हार से नहीं बचा सके। हालांकि उनके इसी दमदार प्रदर्शन ने उन्हें दुनिया में टेस्ट का नम्बर-1 बल्लेबाज बना दिया। इस टेस्ट से पहले विराट के 903 रेटिंग अंक थे, लेकिन 5 अगस्त को आईसीसी की नवीनतम रैंकिंग में वह 934 अंकों पर पहुंच गये। विराट के इस अंक पर पहुंचते ही दिसम्बर, 2015 से वल्र्ड के नम्बर-1 बैट्समैन रहे आस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ 929 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर सरक गये। वनडे में वल्र्ड नम्बर-1 बैट्समैन विराट को टेस्ट में लम्बे समय तक नम्बर-1 बने रहने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ बाकी के चार मैचों में भी अपने मौजूदा परफार्मेंस को बनाये रखना होगा, क्योंकि पहले और दूसरे बैट्समैन के अंकों में महज 5 अंक का ही फासला है। बहरहाल विराट ने वह मुकाम हासिल कर ही लिया, जिसका ख्वाब हर बल्लेबाज देखता है।