शिक्षा छात्राओं को स्वतंत्र और सशक्त बनाएगी: नासा वैज्ञानिक
लखनऊ: अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज (एजीडीसी), लखनऊ, में 9 मई, 2022 को आयोजित सांतवे वार्षिक तेहरिम दास मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ हाशिमा हसन (प्रोजेक्ट साइंटिस्ट, नासा) ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए पुरज़ोर कोशिश करेंI
वाशिंगटन डीसी से ऑनलाइन मोड द्वारा डॉ हसन ने छात्रों, शिक्षकों और एनसीसी कैडेटों से भरे ऑडिटोरियम को संबोधित करते हुए कहा, “उच्चतम शिक्षा प्राप्त कर, अपना आत्मविश्वास बढ़ाएं और अपने पैरों पर खड़े हों। सच्ची स्वतंत्रता और सशक्तिकरण को अनुभव करने का यही एकमात्र तरीका है।”
उन्होंने जीवन में मेंटरिंग के महत्तव को भी उजागर किया।
श्रीमती तेहरिम दास के प्रेरणादायक जीवन से प्रभावित, डॉ हसन ने कहा कि “उन्होंने मुझ जैसी अनेक लड़कियों को खुद पर विश्वास करने और समाज में अपना आत्मसम्मान बनाये रखने के लिए प्रेरित किया।” कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ. हसन का परिचय देते हुए, डॉ अमृता दास, संस्थापक-निदेशक, इंस्टीट्यूट फॉर करियर स्टडीज (आईसीएस) और श्रीमती तेहरिम दास की पुत्री, ने कहा, “डॉ हसन का अद्भुत सफर – एक स्कूल छात्रा से नासा की प्रसिद्ध वैज्ञानिक तक – अत्यंत प्रेरणाशील है। हम सभी को अपने दिलों में अटूट आशा के साथ अपने सपनों को साकार करने के लिए निरंतर अग्रसर रहना चाहिये। अवसरों के ब्रह्मांड में दुनिया हमारा मंच है!”
ह्युमानिटीज़ व स्पेस कैरियर्स
एजीडीसी की एक छात्रा के सवाल के जवाब में डॉ हसन ने बताया कि स्पेस के विशाल क्षेत्र में आर्ट्स तथा ह्युमानिटीज़ के छात्रों के लिए भी काफी स्कोप है। “ह्युमानिटीज़ के छात्र स्पेस आर्ट के क्षेत्र में काम कर सकतें हैं। मिसाल के तौर पे जेम्स वेब (स्पेस टेलीस्कोप) के डिज़ाइन डेवलपमेंट के लिए नासा द्वारा एक कला प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी। फिर, हमें विज्ञान लेखकों की जरूरत भी है। यदि आप लिखने में अच्छे हैं, तो आप इस क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकते हैं। डिजाइन वाले छात्र, जिन्हें इंजीनियरिंग का ज्ञान हो, वे भी स्पेस फील्ड्स में भाग ले सकते हैं,” उन्होंने कहा।
लखनऊ से नासा तक
डॉ हसन खुद को “लखनऊ की बेटी” कहती हैं। लखनऊ में जन्मी, उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लोरेटो कान्वेंट से तथा बी.एससी. लखनऊ यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण करी। डॉ हसन ने एम्.एससी. और एम.फिल. की डिग्री अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। फिर उन्होंने ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
“लोरेटो में विज्ञान का अध्ययन करने वाला हमारा पहला बैच था। इससे पहले, लड़कियों के स्कूलों में विज्ञान के अध्ययन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी,” डॉ हसन ने बताया। विज्ञान और गणित में उनकी अत्यंत अभिरुचि थी। यह समारोह एजीडीसी और आईसीएस द्वारा श्रीमती तेहरिम दास को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था । श्रीमती दास ने ६ दशक तक उत्कृष्ट सामाजिक कल्याण कार्य किये और कई वर्षों तक एजीडीसी प्रबंधन समिति की सदस्य रहीं ।
उपस्थित लोगों में प्रमुख थे जरीन विक्काजी (अध्यक्ष, प्रबंध समिति, एजीडीसी); निशि पांडे, प्रबंधक, एजीडीसी; प्रोफेसर बीना राय, प्रिंसिपल, एजीडीसी; श्रीमती तेहरिम दास के परिवार के सदस्य; और आईसीएस व एजीडीसी समुदाय के अन्य सदस्य।