संदिग्ध आतंकियों ने देशभर में कैसे बिछाया ऑनलाइन नेटवर्क का जाल? ATS के हाथ लगे कई सुराग

लखनऊ: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेम) के नेटवर्क से जुड़े संदिग्ध आतंकियों के ऑनलाइन नेटवर्क का खुलासा होने के आसार हैं। सहारनपुर से गिरफ्तार मोहम्मद नदीम और कानपुर नगर से गिरफ्तार उसके साथी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला से चल रही पूछताछ में कुछ अहम जानकारी मिली है। आजमगढ़ से गिरफ्तार सबाउद्दीन आजमी से भी गहन पूछताछ चल रही है।

मंलवार को कोर्ट से तीनों की कस्टडी रिमांड मंजूर की थी। एटीएस ने तीनों से पूछताछ के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया है। पूछताछ में केंद्रीय एजेंसियां भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार नदीम और सैफुल्ला की सक्रियता और ऑनलाइन ट्रेनिंग की सूचनाओं के आधार पर यह संभावना जताई जा रही है कि वे फिदायीन हमलों के लिए समूह बनाने की फिराक में थे। जेहादी साहित्य की मदद से वे एक वर्ग विशेष के ऐसे युवाओं को बरगला रहे थे जो ऐसे हमलों को अंजाम देने को तैयार हों। नदीम के बारे में यह जानकारी मिली है कि वह ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ था, जिससे आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही पाकिस्तान के आतंकी हकीमुल्लाह के संपर्क में आया था। हकीमुल्लाह के माध्यम से ही वह सैफुल्ला से जुड़ा था। सैफुल्ला ने उसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात में स्थित जेहादियों से जोड़ा।

साथ ही उसने नदीम के इस्तेमाल के लिए फर्जी मेल आईडी, वर्चुअल आईडी और टेलीग्राम आईडी बनाकर पाकिस्तान भेजी। फिर नदीम को ‘लोन वुल्फ अटैक’ के लिए ट्रेनिंग दी गई और उसने अपनी ओर से कुछ ‘टारगेट’ भी चिह्नित किए। जेम के पाकिस्तानी हैंडलर ने सैफुल्ला को पाकिस्तान आकर ट्रेनिंग लेने और वापस लौटकर भारत में जेहाद करने को कहा था। सूत्रों के अनुसार एटीएस नदीम से यह जानने की कोशिश भी कर रही है कि पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा की हत्या के लिए उसने क्या योजना बनाई थी? उसकी इस योजना में अब तक कौन-कौन शामिल था? नुपूर शर्मा की हत्या का जिम्मा उसे जेम के पाकिस्तानी हैंडलर से मिला था।

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