हार के बाद शुरू हुई बीजेपी संसदीय दल की अहम बैठक
दिल्ली ब्यूरो: गुरूवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में तीन राज्यों में बीजेपी की हार पर मंथन किया जाएगा और कमजोरी को चिन्हित कर आगामी लोक सभा चुनाव की तयारी शुरू की जाएगी। इस बैठक में बीजेपी के सभी दिग्गज हिस्सा ले रहे। खासकर मध्यप्रदेश ,राजस्थान और छत्तीसगढ़ से अधिकतर बीजेपी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। इस बीच, मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है और उन्हें कड़ी मेहनत से काम करने की सलाह दी।
बीजेपी संसदीय दल की बैठक पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग में हो रही है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह सहित पार्टी के कई नेता पहुंच चुके हैं। बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह करेंगे, जिसमें 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर मंथन के साथ-साथ 2019 के आम चुनाव की रणनीतियों पर भी विचार किया जाएगा। इसमें बीजेपी के सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी भी हिस्सा ले रहे हैं।
वर्ष 2014 के आम चुनावों में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता के बाद इन विधानसभा चुनावों हार को पार्टी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हिंदी हार्टलैंड के इन राज्यों में पार्टी को लोकसभा की 65 में से 62 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जहां मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाई, वहीं तेलंगाना में एक बड़ी ताकत के रूप में उभरने की इसकी उम्मीदों को भी झटका लगा। ऐसे में बीजेपी संसदीय दल की इस बैठक की खास अहमियत देखी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक करीब 7 घंटों तक चलेगी, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यूं तो पीएम मोदी हर सप्ताह बीजेपी संसदीय दल को संबोधित करते हैं, पर विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद और 2019 के आम चुनावों से ठीक 4 महीने पहले हो रही इस बैठक को खास माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बाद में पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्षओं और संगठन की जिम्मेदारी संभालने वालों से अलग मीटिंग करेंगे।