हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित
लखनऊ: हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में ट्रस्ट के इंदिरा नगर, सेक्टर-25 स्थित कार्यालय में, हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर “हनुमान जन्मोत्सव” कार्यक्रम का आयोजन किया गया l कार्यक्रम में ट्रस्ट के संरक्षक भजनसम्राट पद्म अनूप जलोटा, ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी मती डॉ० रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य महेन्द्र अवस्थी जी तथा अशोक कुमार जायसवाल ने दीप प्रज्वलन किया तथा भगवान हनुमान जी के चित्र पर पुष्पार्पण करके पूजा अर्चना की l पूजा-अर्चना के पश्चात सभी को प्रसाद रूप में “हनुमान चालीसा” पुस्तक का वितरण किया गया l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सबको हनुमान जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, भगवान हनुमान जी एक पवित्र और सबसे सम्मानित हिंदू भगवान हैं, जिनके मंदिर आमतौर पर राष्ट्र के हर छोटी बड़ी जगहों पर हैं। हनुमान जयंती एक उत्सव की तरह है, इसीलिए आज हम हनुमान जी की जयंती के अवसर पर हनुमान जन्मोत्सव मना रहे हैं l हिंदू धार्मिक ग्रंथों और हनुमान चालीसा में, यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि हनुमान जी अपने पूजक को शौर्य, साहस और जीवन शक्ति प्रदान करते है। वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली हर बाधाओं को दूर करते है और खुशी तथा संतोष लाते है l वह सभी लोग जो अपने रोजमर्रा के जीवन में काफी व्यस्त रहते हैं और हर रोज हनुमान जी की पूजा नही कर पाते, उनके लिए हनुमान जयंती एक महत्वपूर्ण अवसर है, ताकि वह अपनी सारी गलतियों की माफ़ी मांगकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें l हनुमान जी से जुड़ने और उनके गुणों को याद करने का यह एक अवसर है कि, अपार शक्ति होने के बावजूद, हनुमान जी नदी की तरह शांत थे l उन्हें अपने कौशल पर कभी कोई गर्व नहीं रहा है और इसका उपयोग वो केवल दूसरों के हित के लिए करते है l यह त्योहार हमें स्वयं को भगवान हनुमान के रूप में आध्यात्मिक और मानसिक रूप से विकसित होना सिखाता है l साथ ही आज का यह पर्व हमें हनुमान जी पर पूरा भरोसा बनाये रखते हुए कठिन परिस्थितियों में धैर्यपूर्ण और शांतचित्त रहना सिखाता है और कष्टों से बाहर निकलने की योजना बनाना भी सिखाता है ।
ट्रस्ट के संरक्षक भजनसम्राट पद्म अनूप जलोटा जी ने इस अवसर पर कहा कि, क्योंकि हनुमान जी की जो शक्ति है वो हनुमान चालीसा में केंद्रित है, इसलिए हनुमान चालीसा पढ़ने से आप अपनी बुद्धि की कमजोरी से मुक्ति पा सकते है, बहुत जरुरी है इसको पढ़ा जाये और आज कल जहां तक ये रिवाज चल रहा है कि वो हम बजायेंगे, ये हम बजायेंगे, अरे मैं तो दो लाइन सुना देता हूँ, पद्म अनूप जलोटा जी ने निम्न गीत हनुमान जयंती के अवसर पर गाये:
“दिवाली में अली, राम रमजान में, सबका मालिक एक है जहान में”
“राम से बड़ा राम का नाम,
अंत में यही आएगा तेरे काम,
राम से बड़ा राम का नाम ।
वो अभिमानी डूब जाएंगे,
जिनके मुख नहीं राम,
वो पत्थर भी तिर जाएंगे,
जिनपे लिखा है राम ।
राम से बड़ा राम का नाम..
बिना सेतु के सागर को कभी,
लांघ सके ना राम,
लांघ गये हनुमान उसी को,
लेकर राम का नाम ।
राम से बड़ा राम का नाम..”
” राम लखन ले व्याकुल मन
कुटिया में लौट जब आये
नही पाई सिया अकुलाए,
नयन भर आये!!
सूनापन इतना गहरा था
राम का जी घबराया !
सारे पिंजरे थे खुले एक
पंछी भी नज़र नही आया!
शोभा सिंगार एक चन्द्रहार
देखा तो राम अकुलाए !!
राम लखन ले व्याकुल मन
कुटिया में लौट जब आये
नही पाई सिया अकुलाए,
नयन भर आये!!
यह हार मेरी सीता का न हो
पहचानो सुमित्रानंदन !
तब चरण पकड़ सिसकी भर भर
लक्ष्मण ने भेद बताये!!
” राम लखन ले व्याकुल मन
कुटिया में लौट जब आये II
कैसे बतलाऊँ क्षमा करो
भईया ये हार ना देखा!
मैने जब जब भी देखा भाभी के
चरणों को ही देखा!
वो लाल चरण भाभी के चरण
मेरे तीर्थधाम कहाये!!
” राम लखन ले व्याकुल मन
कुटिया में लौट जब आये….”
ये भावना देखिये क्या सुन्दर भावना है …
मैंने जो आपको सबसे पहले सुनाया था I “दुनिया चले न राम के बिना” वो मुझे बहुत पसंद है तो सुनिए….
“हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले-राम के भक्त निराले,
संकट मोचन अभिराम विपत्ति टालने वाले – विपत्ति टालने वाले,
हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले – राम के भक्त निराले,
राम सिया राम सिया राम – राम सिया राम सिया राम”
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्य पंकज अवस्थी, महेन्द्र अवस्थी, कुलदीप पाण्डेय, विनय त्रिपाठी, के.पी.एस. चौहान, अशोक कुमार जायसवाल, ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्म अनवर जलालपुरी जी के सुपुत्र मो० शहरयार जलालपुरी, कार्यालय में संचालित “सिलाई कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला” (Sewing Skills Training Workshop) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं लाभार्थी महिलाएं / कन्याएं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही l