उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलम्ब समिति ने समीक्षा की

 


बरेली, 29 जुलाई। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलम्ब समिति के सभापति डॉ0 हरी सिंह ढिल्लों तथा माननीय सदस्य श्री गोविन्द नारायण शुक्ला, श्री राम गोपाल उर्फ गोपाल अंजन, श्री अंगद कुमार सिंह, श्री शहनवाज खांन तथा श्री कुंवर महाराज सिंह तथा उप सचिव श्री पी.एन. द्विवेदी द्वारा कल निर्धारित बिन्दुओं पर विकास भवन सभागार में समीक्षा की गयी।
समिति द्वारा खाद्य सुरक्षा विभाग की समीक्षा में जानकारी चाही गयी कि विभाग द्वारा कितनी छापेमारी की कार्यवाही की गयी है। सम्बंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2022-2023 में 266 छापेमारे गये 610 नमूने एकत्र किये गये, जिसमें से 57 प्रतिशत नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाये गये वर्ष 2022-2023 में ए0ओ0 कोर्ट में 366 मुकदमे दायर किये गये जिसमें से 251 पर निर्णय करते हुये 3 करोड़ 90 लाख 44 हजार का जुर्माना लगाया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 58 छापेमारे गये 120 नमूने एकत्र किये गये जिसमें से 49 प्रतिशत मानक के अनुरूप नहीं पाये गये। वर्तमान वित्तीय वर्ष में ए0ओ0 कोर्ट में 101 मुकदमे दायर किये गये जिसमें 73 पर निर्णय करते हुये 01 करोड़ 45 हजार का जुर्माना लगाया गया।
समिति द्वारा निर्देश दिये कि सिन्थेटिक दूध की दृष्टि से छापेमारी की कार्यवाही की जाये क्योंकि इसके कारण आने वाले पीढ़ी का पूरा भविष्य दांव पर लगा हुआ है। समिति द्वारा छापेमारी कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग बनाने के भी निर्देश दिये। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा अच्छे कार्य को देखते विभाग को प्रशस्ति पत्र देने की संस्तुति मा0 सभापति द्वारा की गयी। खाद्य सुरक्षा विभाग का टोल फ्री नम्बर 1800-180-5533 समस्त बैंकेट हॉलों व अन्य सरकारी विभागों के भवनों पर लिखवाने के निर्देश समिति द्वारा दिये गये।
औषधि विभाग की समीक्षा में औषधि निरीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2022-2023 में 416 मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया गया, 36 छापेमारी कार्यवाही की गयी है। 519 नमूने एकत्र किये गये है जिसमें 16 अधोमानक पाये गये हैं और 04 पर एफआईआर हुयी है। समिति द्वारा निर्देश दिये गये कि 36 स्थानों पर जो छापेमारे गये हैं उसका पूर्ण विवरण समिति को उपलब्ध कराया जाये तथा छापेमारी कार्यवाही की संख्या बढ़ायी जाये व अगले एक महीने में की गयी कार्यवाही का विवरण समिति को भेजा जाये। जनपद में स्थापित जन औषधि केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश समिति द्वारा दिये गये।
मुख्य चिकित्साधिकारी से चिकित्सकों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गयी जिस पर बताया गया कि 237 के सापेक्ष 167 चिकित्सक नियुक्त हैं। समिति द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को सीएचसी/पीएचसी में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश दिये गये।
समिति द्वारा 62 विभागों से सेवानिवृत्त हुये अधिकारियों एवं कर्मचारियों के देयकों के भुगतान तथा मृतक आश्रितों के सेवायोजित किये जाने की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गयी।
समिति द्वारा उक्त क्रम में निर्देश दिये गये कि मृतक आश्रितों के ऐसे मामले जिसमें नौकरी दिये जाने सम्बंध में परिवार में सहमति नहीं बन रही है। उन प्रकरणों के निस्तारण हेतु कैम्प लगाया जाये, जिसमें पारिवारिक जनों को बुलाकर समझाकर सहमति बनवायी जाये। समिति ने कहा कि विवाहित पुत्रियों को भी अनुकम्पा के आधार पर नौकरी पाने का अधिकार है, उक्त के सन्दर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश मंगवाकर उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जाये।
समिति के सभापति ने इस अवसर पर कहा कि जनपदों में जाकर जो विभागवार समीक्षा की जाती है उससे कार्य में तेजी आती है। समस्त सेवानिवृत्त/मृतक कार्मिकों के भुगतान आदि पूरी संवेदनशीलता के साथ यथाशीघ्र किये जाये यही समिति का उद्देश्य है।
बैठक के अन्त में जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी द्वारा सभी की तरफ से समिति के प्रति आभार प्रकट किया गया और समिति को आशवस्त किया गया कि समस्त प्रकरणों में जिनमें कोई विधिक अड़चन नहीं है मात्र उदासीनता के वजह से लम्बित हैं उन सभी का यथाशीघ्र निस्तारण करवाया जायेगा तथा कृत कार्यवाही से समिति को भी अवगत कराया जायेगा।
बैठक में समिति के प्रतिवेदक श्री अजय प्रजापति, निजी सचिव श्री विकास यादव, समीक्षा अधिकारी श्री सुनील कुमार, जनपद से मुख्य विकास अधिकारी श्री जग प्रवेश, नगर आयुक्त श्रीमती निधि गुप्ता वत्स, उपाध्यक्ष बीडीए श्री जोगिंदर सिंह, एसपी यातायात श्री राम मोहन सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) श्री संतोष बहादुर सहित समस्त विभागों के अधिकारी गण उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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