कभी घर चलाने के लिए चराती थी भैंस, आज कैब ड्राइवर की बेटी है IAS

देश में हर साल लाखों विद्यार्थी यूपीएससी की परीक्षा देते हैं। इनमें 1000 लोग ही अपनी मेहनत के दमपर देश की सेवा के लिए सर्वोच्च पद पर बैठते हैं। इस बात से तो आप सब वाकिफ ही हैं यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए परीक्षा किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होती है। ये छात्र अपना घर, परिवार, भूत, भविष्य सभी चिंताओं को त्यागकर सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस करते हैं और परीक्षा में पास होकर अधिकारी बनते हैं।

हालांकि, कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए घरवालों तक से लड़ना पड़ता है। उनके साथ कभी-कभी उनका ही परिवार दुश्मनों जैसा व्यवहार करता है। लेकिन होनहार विद्यार्थी इन परिस्थितियों से घबराते नहीं हैं और मुश्किलों का डटकर सामना करते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला अधिकारी के विषय में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए बगावत का सहारा लिया।

इनका नाम सी. वनमती है। इनका जन्म केरल के एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता एक कैब चालक थे। घर की माली हालत ठीक नहीं थी यही कारण था वनमती ने सरकारी विद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। इस दौरान वे घर-काम में भी मदद करती थीं। गाय-भैंस चराने से लेकर उनके दाना-पानी तक की पूरी जिम्मेदारी वनमती के कंधों पर थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वनमती के आईएएस बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। कहा जाता है कि उन्हें आईएएस ऑफिसर बनने की प्रेरणा अपने जिले की कलेक्टर से मिली थी। वे 7वीं कक्षा में थी, तब उनके जिले की कलेक्टर एक बार दौरे पर आई थीं। इस दौरान सभी उन्हें सम्मान दे रहे थे।

वनमती को देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ। बस तभी से उन्होंने डिसाइड कर लिया था कि वे भी आईएएस अधिकारी ही बनेंगी। जानकारी के मुताबिक, 12वीं तक आते-आते उनके कुछ रिश्तेदारों ने वनमती के पिता पर उसकी शादी को लेकर दवाब बनाना शुरु कर दिया। वनमती के मना करने पर वे लोग जिद पर अड़ गए। वनमती को एहसास हुआ कि अगर वे तनिक भी ढीली पड़ी को ये लोग उनकी शादी करवाकर ही मानेंगे। इससे उनका आईएएस बनने का सपना टूट जाएगा। इसलिए उन्होंने बगावत का फैसला किया। उन्होंने शादी से साफ इनकार कर दिया और घर छोड़कर जाने की धमकी दी।

मालूम हो, इसके बाद वनमती ने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया और कंप्यूटर एप्लीकेशन से पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए एप्लाई कर दिया। इसी के साथ उन्होंने आईएएस की तैयारी जारी रखी। अब तक वे इतना सक्षम हो चुकी थीं कि अपना खर्च खुद झेल सकें। इसलिए उन्होंने एक प्राइवेट बैंक में नौकरी कर ली। इस दौरान उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम दिया लेकिन वे सफल नहीं हुईं। हालांकि, वनमती ने हार नहीं मानी। उन्होंने साल 2015 में एक बार फिर यूपीएससी का एग्जाम दिया और परीक्षा पास कर ली। गौरतलब है, साल 2015 में वनमती 152वीं ऑल इंडिया रैंक लाकर आईएएस आफिसर बन गईं।

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