भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, सम विश्वविद्यालय के नव प्रवेशित छात्रों के लिए इंटरेक्शन-कम- ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन 

बरेली , 03 नवंबर।  भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान,  सम विश्वविद्यालय के नव प्रवेशित छात्रों के लिए एक इंटरेक्शन-कम-ओरिएंटेशन कार्यक्रम संस्थान के केंद्रीय सभागार में आयोजित किया गया। आईसीएआर के माननीय उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा)  डॉ. आर. सी. अग्रवाल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर नव प्रवेशित छात्रों को चीफ हॉस्टल वार्डेन तथा शैक्षणिक समन्वयक  द्वारा अकेडमिक रुल्स कि जानकारी दी गयी ।
मुख्य अतिथि डॉ. आर. सी. अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में डीम्ड विश्वविद्यालयों के पास विश्व में सर्वश्रेष्ठ संकाय हैं और वे वैश्विक विश्वविद्यालयों में सक्षम हैं और प्रणाली में लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने  छात्रों के समग्र विकास तथा उद्यमिता  पर ज़ोर दिया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा एक परिपूर्ण व्यक्ति, एक अच्छे नागरिक बनने और जीवन भर सीखने को बढ़ावा देने का माध्यम है जो हमें अधिक स्पष्ट रूप से सोचने में मदद करता है।
संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ त्रिवेणी दत्त ने  इस अवसर पर बोलते हुए संस्थान के असाधारण इतिहास के बारे में जानकारी दी और बताया कि संस्थान ने कई टीके और निदान विकसित किए हैं जिनका उपयोग पूरे देश में किया जाता है। आईवीआरआई 17 विषयों में डिग्री प्रदान करता है तथा संस्थान ने  वर्ष 2015 में अपना स्नातक कार्यक्रम शुरू किया था तब से, आईवीआरआई के दो स्नातक बैचों ने अपना डिग्री कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और तीसरा बैच बहुत जल्द अपना डिग्री कार्यक्रम पूरा कर लेगा।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आईवीआरआई के क्षेत्रीय परिसरों में 51 संकायों के साथ संस्थान में 202 संकाय हैं और आईसीएआर के 19 संस्थानों में फैले आईवीआरआई के अन्य संस्थानों में 91 संकाय हैं, जो देश की सेवा के लिए भविष्य के पशु चिकित्सकों को पढ़ाने और प्रशिक्षित करने के लिए समर्पित है। इसके अतिरिक्त, आईवीआरआई भी एक वैश्विक विश्वविद्यालय बनने की ओर अग्रसर है तथा कई कॉलेजों और पाठ्यक्रमों के माध्यम से एक बहु-विषयक और समग्र शिक्षण मंच तैयार करेगा। संस्थान द्वारा जैव प्रौद्योगिकी में बी.टेक और कृषि व्यवसाय प्रबंधन कार्यक्रम जैसे नए कार्यक्रम पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। निदेशक ने CAAST-ACLH परियोजना के गतिविधियों के बारे में भी बात की, जिसमें 50 से अधिक छात्रों और 30 वैज्ञानिकों को विदेश में प्रशिक्षित किया गया, जिससे आकार लेने में मदद मिली। और आईवीआरआई में सीखने और अनुसंधान प्लेटफार्मों का आधुनिकीकरण करें।
संयुक्त निदेशक शैक्षणिक, डॉ. एस. के.  मेंदिरता  ने आईवीआरआई में की जा रही विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और छात्रों को संस्थान में नियमित आधार पर आयोजित किए जाने वाले पाठ्येतर कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत आईवीआरआई की संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रूपसी तिवारी के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने सभा का स्वागत किया और जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। छात्र कल्याण अधिकारी (छात्र) डॉ. एस.के. साह ने सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं छात्र तथा अधिकारीगण  उपस्थित रहे ।            बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की
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