PM मोदी ने जन औषधि केंद्र के मालिकों और लाभार्थियों से किया संवाद, बोले-देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है लक्ष्य
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को जन औषधि दिवस (Jan Aushadhi Diwas) के अवसर पर जन औषधि केंद्र के मालिकों के साथ ही ‘जेनरिक’ दवाइयां उपलब्ध कराने की योजना के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संवाद किया और उनके अनुभव सुने। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरुआत विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिए किफायती दरों पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराने के मकसद से की गई है।
संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-औषधि केंद्र तन को औषधि देते हैं लेकिन साथ ही यह मन की चिंता करते हैं और धन को बचाकर जन-जन को राहत भी पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी कि पता नहीं, कितना पैसा दवा खरीदने में खर्च होगा….., वह चिंता कम हुई है।” मोदी ने कहा कि आज देश में साढ़े आठ हजार से ज्यादा जन-औषधि केंद्र खुले हैं और ये केंद्र अब केवल सरकारी स्टोर नहीं, बल्कि सामान्य जन के लिए समाधान केंद्र बन रहे हैं। इस कार्यक्रम का विषय ‘जन औषधि-जन उपयोगी’ रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि ‘जेनरिक’ दवाइयों के उपयोग और जन औषधि परियोजना के फायदों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक मार्च से देशभर में जन औषधि सप्ताह मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, देश में अभी 8,600 से अधिक जन औषधि स्टोर हैं। इसका उद्देश्य लोगों को वहनीय मूल्य पर दवाइयां उपलब्ध कराना है।