पेट्रोल-डीजल से लेकर एलपीजी सिलेंडर तक क्या-क्या होगा सस्ता! जाने सरकार का पूरा प्लान

नई दिल्ली। लगातार तीन महीने तक रिटेल इंफलेशन में गिरावट के बाद देश में खुदरा महंगाई दर में एक बार फिर से उछाल आया है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 प्रतिशत पर पहुंच गई, यह आंकड़ा जुलाई में 6.71 फीसदी पर था. बढ़ती महंगाई से जनता को राहत देने के लिए सरकार ने नया प्लान तैयार किया है. पिछले दिनों एक रिपोर्ट से जानकारी सामने आई थी कि तेल कंपनियों को गैस सिलेंडर और पेट्रोल पर घाटा नहीं हो रहा है. अब उन्हें डीजल की बिक्री पर नुकसान हो रहा है.
तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई करने और देशवासियों को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन जैसे सरकारी फ्यूल रिटेलर्स को 20,000 करोड़ रुपये देने पर विचार कर रही है. इससे सरकार, फ्यूल रिटेलर्स को हुए घाटे की भरपाई करने की कोशिश कर रही है. इससे आने वाले समय में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत नीचे आ सकती हैं. अभी एलपीजी सिलेंडर 1053 रुपये के अपने उच्च स्तर पर बना हुआ है.
दरअसल, सरकार की कोशिश घरेलू गैस के साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमत को काबू में रखने की है. इस मामले में जानकारी रखने वाले लोगों ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी तेल कंपनियों को इंटरनेशनल प्राइस पर क्रूड खरीदना पड़ता है और प्राइस-सेंसिटिव मार्केट में इसकी बिक्री करनी पड़ती है. दूसरी तरफ निजी कंपनियों के पास स्ट्रॉन्गर फ्यूल एक्सपोर्ट मार्केट को टैप करने की सहूलियत है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑयल मिनिस्ट्री ने कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए 28000 करोड़ रुपये का कॉम्पन्सैशन मांगा है. लेकिन, वित्त मंत्रालय 20000 करोड़ रुपये का कैश पेआउट करने के पक्ष में है. अभी इस मामले पर कोई भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. आपको बता दें तीन बड़े सरकारी फ्यूल रिटेलर्स, संयुक्त रूप से देश की जरूरत का 90 प्रतिशत से ज्यादा पेट्रोलियम फ्यूल सप्लाई करते हैं.
आपको बता दें फिलहाल इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत पिछले 7 महीने के निचले स्तर पर चल रही हैं. डब्ल्यूटीआई क्रूड गिरकर 87.58 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 93.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. क्रूड की कीमत कम होने से भी तेल कंपनियों को हो रहे घाटे में कमी आई है.
 


 
							 
							