अंततः बिन ब्याही मां बनी किशोरी को मिला उसको छोड़ने वाले प्रेमी का सहारा, प्रसव के दौरान साथ छोड़ने वाले प्रेमी से ही रचाई गई शादी
सोनभद्र,”अंत भला तो सब भला” वाली कहावत चरितार्थ हुई अंततः बिन ब्याही मां बनी किशोरी को धोखा देने वाले प्रेमी जिसने पहले साथ निभाने का वायदा किया बाद में प्रसव की अवस्था में युवती का साथ छोड़कर फरार हो गया था, ने समाज के प्रमुख व्यक्तियों के दबाव में मध्यस्थता के बाद शुक्रवार 28 जुलाई को मलदेवा गाँव स्थित वीरांगना महारानी दुर्गावती स्मारक स्थल पर विवाह किया,जो लोगों के लिए खासा कौतूहल का विषय बना रहा।
ज्ञातव्य है कि विगत नौ जुलाई को विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक किशोरी को प्राथमिक विद्यालय में प्रसव पीड़ा से तड़पते और खून से लथपथ पाया गया था जिसके पास ही तत्काल का जना बच्चा भी पड़ा था। दोनों को ग्रामीणों की मदद से सीएचसी दुद्धी पहुंचाया गया,जहां पीड़िता ने अस्पताल प्रशासन के सामने पूरी आप बीती बयां की। मामले की जानकारी उसके माता-पिता को दी गई। माता-पिता अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्होंने किशोरी और उसके बच्चे को सहारा देने से इंकार कर दिया। वहीं प्रेमी पक्ष की तरफ से भी उसे अपनाने से इंकार किया जाने लगा। इसको लेकर सीएचसी प्रशासन द्वारा पुलिस से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई। इसके बाद पीड़िता के पिता की तहरीर पर प्रेमी के खिलाफ पास्को और दुष्कर्म एक्ट का मामला दर्ज किया गया। वहीं सामाजिक पहल पर जिला बाल कल्याण आगे आई और किशोरी को बच्चे सहित बाल गृह बालिका में लाकर आवासित कराया।
उधर, प्रेमी द्वारा धोखा दिए जाने और बिन ब्याही मां बनी आदिवासी किशोरी की जिंदगी अधर पर होने की जानकारी सामाजिक रसूख के लोगों तक आई तो दोनों के शादी के लिए पहल शुरू कर दी गई। दोनों पक्षों की शादी की रजामंदी के बाद पीडिता की उम्र जांची गई, जैसे ही पीड़िता ने 18 वर्ष की उम्र पूरी की, वैसे ही शुक्रवार को दोनों की शादी रचा दी गई।
कार्यक्रम स्थल पर वर और कन्या के दोनों पक्ष के लोगों की मौजूदगी तो रही ही, उसके अलावा संबंधित समुदाय के धर्माचार्य सरदार सिंह गोड़वा रामधनी, कार्यक्रम संयोजक फौजदार सिंह परस्ते जिलाध्यक्ष आदिवासी महासंघ, शंभू सिंह गौड़, समाजसेवी रामखेलावन सिंह गौड़, राम शरण सिंह आदि की सक्रिय मौजूदगी देखने को मिली।
रवीन्द्र केसरी सोनभद्र