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अकोला में Section 144, नागपुर में हाई अलर्ट- आगजनी-तोड़फोड़ में 4 पुलिसकर्मी जख्मी; हिंसा की आग में झुलस रहा महाराष्ट्र

अकोला/शेवगांव: महाराष्ट्र में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। अकोला जिले में हुई हिंसा के बाद अब अहमदनगर के शेवगांव में तनाव की स्थिति बन गई है। वहीं नागपुर जिले में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। नागपुर जिले के संवेदनशील इलाकों में पुलिस पैनी नजर रख रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो के साथ बैठक के बाद कमिश्नर ने सशस्त्र पुलिस की गश्त और शांति बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश जारी किया। शेवगांव में धार्मिक जुलूस के दौरान भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने पुलिस पर भी जमकर पत्थर बरसाए, जिसकी वजह से 4 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। अब तक 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है। यहां स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है। फिलहाल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

अहमदनगर के शेवगांव हिंसा मामले में 5 लोग घायल हो गए, जिसमें 2 पुलिसकर्मी, 2 होमगार्ड और 1 स्थानीय शख्स घायल हुआ है। साथ ही उपद्रवियों के पास से धारदार हथियार बरामद हुए हैं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए एक SRPF, एक दंगा नियंत्रण पथक और 250 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। 8 वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई है जबकि एक गाड़ी में आग लगा दी गई है।

दोनों जगहों पर उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया है। गाड़ियों में आग लगा दी। जमकर पत्थरबाजी हुई। अकोला में हिंसा के बाद एक शख्स की लाश भी मिली। अकोला में विवाद की वजह बेहद मामूली थी। अकोला में इंस्ट्राग्राम पर एक समुदाय विशेष के धर्मगुरु के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इसकी शिकायत लेकर काफी संख्या में लोग थाने पहुंचे थे। तभी भीड़ आक्रोशित हो गई और गाड़ियों में आग लगानी शुरू कर दी। इसके बाद दूसरे गुट के लोग भी मौके पर पहुंचे और पत्थरबाजी करने लगे।

वहीं, पुलिस ने जब मामले को शांत कराने की कोशिश की तो उपद्रवी पुलिसकर्मियों पर भी पत्थर बरसाने लगे। हमले में कुल आठ लोग जख्मी हुए, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए हैं। अकोला के एसपी संदीप घुगे के मुताबिक, इलाके में पुलिस की कई टीमें तैनात हैं। कोई भी उपद्रव की सूचना नहीं है और स्थिति नियंत्रण में हैं।

वहीं, शेवगांव में हिंसा तब भड़की जब छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती का जुलूस निकाला जा रहा था। तभी यह जुलूस एक दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल के पास से गुजरा। इस दौरान जुलूस निकाल रहे युवाओं ने नारेबाजी की। तो दूसरे समुदाय के लोगों ने भी नारेबाजी की। इसके बाद बातों ही बातों में विवाद शुरू हो गया और दोनों समुदायों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने अबतक इस मामले में 31 लोगों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया।

इससे पहले रामनवमी पर हावड़ा शहर के शिबपुर में हिंसा देखने को मिली थी। वहीं, मुंबई के मालवानी इलाके में शोभायात्रा के दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए थे और जमकर पत्थरबाजी हुई थी। महाराष्ट्र के संभाजीनगर से भी हिंसा की खबरें आईं। हिंसा के दौरान कई लोग जख्मी हुए थे और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थीं।

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