अधिकांश भारतीय चाहते हैं कि सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए- सर्वे
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दी है। जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। जैन 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ कथित हवाला लेनदेन में गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। सीवोटर-इंडिया ट्रैकर ने उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद केजरीवाल सरकार में जैन के बने रहने के बारे में जनता की राय जानने के लिए एक देशव्यापी सर्वे किया।
सर्वे के दौरान जहां 64 फीसदी लोगों ने कहा कि जैन को दिल्ली सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, वहीं 36 फीसदी ने इस भावना का विरोध किया।
दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे पर एनडीए और विपक्षी दोनों वोटरों की राय एक जैसी थी। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां एनडीए के 73 प्रतिशत समर्थकों ने जैन के दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफे के पक्ष में बात की, वहीं 57 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए।
इसी तरह, सर्वेक्षण के दौरान अधिकांश शहरी और ग्रामीण मतदाताओं ने जैन के दिल्ली सरकार छोड़ने के पक्ष में राय व्यक्त की। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 70 प्रतिशत शहरी उत्तरदाताओं और ग्रामीण क्षेत्रों के 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जैन दिल्ली सरकार से इस्तीफा दें।
सर्वेक्षण के दौरान, विभिन्न आयु समूहों के अधिकांश उत्तरदाताओं ने भी जैन के इस्तीफे के बारे में समान विचार साझा किए। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 55 वर्ष से अधिक आयु के 78 प्रतिशत उत्तरदाता का मानना है कि जैन को इस्तीफा दे देना चाहिए, वहीं 18-24 वर्ष के आयु वर्ग के 60 प्रतिशत लोगों ने इस भावना को साझा किया। इसी तरह, 25 से 54 वर्ष के बीच के अधिकांश उत्तरदाताओं ने भी जैन के इस्तीफे की मांग की।