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अविवाहित वयस्क जोड़ों का होटल में जाना अपराध? जानें क्या हैं नियम-कानून, पुलिस परेशान करे तो कहां करें शिकायत

नई दिल्ली: ओयो रूम होटलों में जाने वाले प्रेमी जोड़ों और अविवाहित वयस्कों को पुलिस द्वारा परेशान किए जाने की खबरें आपने अक्सर सुनी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुलिस होटल में ठहरे अविवाहित वयस्क जोड़े को परेशान नहीं कर सकती है। क्योंकि, कानूनन ऐसा करना अपराध नहीं है। पुलिस के इस कृत को मौलिक अधिकारों का हनन माना जाएगा।

कानून के तहत कोई भी होटल किसी भी अविवाहित वयस्क जोड़े द्वारा वैध पहचान-पत्र जमा करने पर कमरा देने से इनकार नहीं कर सकता है। होटलों के संघ होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी ऐसा कोई नियम जारी नहीं किया है।

अनुच्छेद-21 के तहत साथ रहने का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत कोई भी वयस्क व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी के साथ, कहीं भी यानी होटल या घर में रह सकते हैं। वे सहमति से संबंध भी बना सकते हैं। इसके लिए शादी करना जरूरी नहीं है।

होटल रूम देने से मना नहीं कर सकता

कानून के तहत कोई भी होटल किसी भी अविवाहित वयस्क जोड़े द्वारा वैध पहचान पत्र जमा करने पर कमरा देने से इनकार नहीं कर सकता है। होटलों के संघ होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी ऐसा कोई नियम जारी नहीं किया है।

पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार नहीं

पुलिस को होटल में ठहरे अविवाहित वयस्क जोड़े को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है। हां, पूछताछ के दौरान वह पहचान पत्र मांग सकती है। पहचान बताने के बाद पुलिस किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है।

निजता की रक्षा करना होटल की जिम्मेदारी

कानून के तहत होटल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह अपने गेस्ट की निजता का सम्मान करे। उनकी निजता के अधिकार को सुरक्षित रखे। निजता के अधिकार के तरहत व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह बिना किसी बाधा के अपने कमरे में समय बिता सके। इस दौरान अवांछित आगंतुकों और होटल कर्मचारियों को बिना अनुमति कमरे में आने का अधिकार नहीं है।

कर सकते हैं शिकायत

यदि पहचान बताने के बाद भी पुलिस परेशान करती है तो इसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से करनी चाहिए। शिकायत का निवारण न होने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ अदालत में शिकायत दाखिल करनी चाहिए।

रश्मि शर्मा (वकील, सुप्रीम कोर्ट) के अनुसार, ”कानून के तहत कोई भी होटल अविवाहित जोड़े को कमरा देने से इनकार नहीं कर सकता है। इसके अलावा यदि कभी पुलिस छापेमारी के दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ की जाती है तो अविवाहित वयस्क जोड़े को अपना पहचान बताना चाहिए। यदि पुलिसकर्मी घर वाले से बात कराने के लिए कहता है तो वे इससे इनकार कर सकते हैं। यह संविधान के तहत मिले जीवन के अधिकार का मसला है।”

(हिन्दुस्तान से साभार)

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