आर.जी.आई.पी.टी. में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन
राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आर.जी.आई.पी.टी.), जायस, अमेठी में आज 28 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जवाहर नवोदय विद्यालय, गौरीगंज एवं रायबरेली के लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में भाग लिया और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में शिक्षा एवं शोध के अवसरों की जानकारी संस्थान के प्राध्यापकों से प्राप्त किया। इस वर्ष का राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी’ के आदर्श लक्ष्य के साथ मनाई जा रही है।
देश में विज्ञान के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष, 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन महान वैज्ञानिक सर सी. वी. रमन को उनकी खोज रमन इफेक्ट के लिए सन् 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के कार्यकारी निदेशक तथा विज्ञान व मानविकी विभाग के विभागाध्यक्ष आचार्य अभय कुमार चौबे, अधिष्ठाता प्रो. एम. एस. बालाथनिगईमनि, विभागाध्यक्ष डॉ. मिलन कुमार, डॉ. तुषार शर्मा, डॉ. जया श्रीवास्तव, डॉ. सुषम विश्वास तथा डॉ. उमाकांत धर द्विवेदी द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्राध्यापकों ने छात्र-छात्राओं को पेट्रोलियम अभियांत्रिकी, रासायनिक अभियांत्रिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स अभियांत्रिकी, कंप्यूटर विज्ञान एवं प्रबंध अध्ययन का देश के विकास में योगदान एवं इन विषयों में स्नातक एवं परास्नातक स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के लिए नामांकन आदि की प्रक्रिया से उनको अवगत कराया।
इस अवसर पर रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय के वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय के संयुक्त निदेशक श्री संतोष इंगोले ने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें विज्ञान के अध्ययन के प्रति प्रोत्साहित किया और उन्हें अपने रूचि के विषय में कड़ी मेहनत कर देश के विकास में योगदान करने की प्रेरणा दी।
संस्थान में इस अवसर पर ड्रोन प्रौद्योगिकी, रोबो-सॉकर तथा गेम प्रोग्रामिंग जैसी तकनीकों से परिचित कराया गया और उन्हें संस्थान के केन्द्रीय अनुसंधान सुविधा केन्द्र में प्रयुक्त हो रहे विविध उपकरणों एवं उनके उपयोग की जानकारी दी गई।
विज्ञान दिवस कार्यक्रम के समापन सत्र में विकसित भारत के लिए अपना हरित ऊर्जा एवं सतत प्रौद्योगिकी एवं अपने क्षेत्र को जानें विषय पर भी एक परिचर्चा आयोजित की गई जिसमे आचार्य संजय कुमार कर, अधिष्ठाता- संकाय मामले, डॉ. कविता श्रीवास्तव, अधिष्ठाता- योजना, संसाधन एवं पूर्व छात्र, डॉ. देबाशीष पांडा, अधिष्टाता- छात्र मामले, इंडोरामा के श्री एम.के. झा, बी.एच.ई.एल. के श्री नृपेन्द्र कुमार, एच.ए.एल. के श्री ए.सी. मणि, एम्स रायबरेली के डॉ. वैभव कांति एवं निफ्ट रायबरेली की स्मृति यादव ने अपने विचारों से छात्रों एवं शिक्षकों का ज्ञानवर्धन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. एम. एस. बालाथनिगईमनि, अधिष्ठाता- शोध व विकास ने किया।