इंग्लैंड ने एंडरसन को जीत के साथ दी विदाई, पदार्पण पर एटकिंसन ने रचा इतिहास
लंदन : एक अविस्मरणीय पदार्पण और एक यादगार विदाई ने लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की एक पारी और 114 रनों की बड़ी जीत को सुर्खियों में ला दिया, यह एक ऐसा टेस्ट मैच था जिसने पीढ़ियों के बीच संबंध को जोड़ा और प्रतीकात्मक रूप से विरासत को हस्तांतरित किया। 106 रन देकर 12 विकेट लेने वाले गस एटकिंसन 1972 के बाद से लॉर्ड्स में डेब्यू पर 10 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए और उनका गेंदबाजी प्रदर्शन इंग्लैंड के लिए डेब्यू पर दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, इससे पहले 1972 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फ्रेडरिक मार्टिन ने 102 रन देकर 12 विकेट लिए थे।
जेम्स एंडरसन का आखिरी टेस्ट मैच दूसरी पारी में 3-32 के आंकड़े के साथ समाप्त हुआ और उन्होंने 704 विकेट लेकर तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में अपने टेस्ट करियर का समापन किया। यह टेस्ट मैच भी था जिसने बेन स्टोक्स की गेंदबाजी फिटनेस की पुष्टि की, क्योंकि इंग्लैंड के कप्तान ने दो पारियों में 18 ओवर फेंके और तीन विकेट लिए। इसमें पहली पारी में एक बार में आठ ओवर और दूसरी पारी में लगातार 10 ओवर शामिल थे।
दूसरे दिन स्टंप्स तक 79 रन पर 6 विकेट खोने वाली विंडीज की टीम का निचला क्रम ज्यादा प्रतिरोध नहीं कर सका और पूरी टीम अपनी दूसरी पारी में 136 रन पर सिमट गई। एंडरसन ने जोशुआ दा सिल्वा को आउट कर इंग्लैंड को शुक्रवार को तीसरे दिन का पहला झटका दिया। एटकिंसन ने अल्जारी जोसेफ को आउट कर दूसरी पारी का अपना तीसरा विकेट लिया और फिर 26 वर्षीय डेब्यूटेंट ने शमर जोसेफ को यॉर्कर से बोल्ड कर मैच का अपना 11वां विकेट हासिल किया।
एंडरसन के पास दूसरी पारी में चौथा विकेट लेने का आसान मौका था, लेकिन उन्होंने अपनी ही गेंद पर गुडाकेश मोती का कैच छोड़ दिया। इसके बाद मोती ने एटकिंसन की गेंद पर कुछ चौके लगाए, जिनमें से दो बल्ले के एज से थे, जबकि जेडन सील्स ने एंडरसन की गेंद पर ऑफ-ड्राइव से चौका लगाया। एटकिंसन की गेंद सील्स ने पुल करने का प्रयास किया, लेकिन डीप में कैच थमा बैठे, जो उनका दूसरी पारी में पांचवां विकेट था। वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में केवल 136 रनों पर सिमट गई। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज के लिए गुडाकेश मोती ने सर्वाधिक नाबाद 31 रन बनाए। मोती के अलावा एलिक अथानाजे ने 22 और जेसन होल्डर ने 20 रन बनाए।
यह सरे के तेज गेंदबाज के लिए एक स्वप्निल शुरुआत थी। डेब्यू पर उनके 12 विकेट 1934 के बाद से इंग्लैंड के और 1972 के बाद से टेस्ट क्रिकेट में किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिया गया पहला मौका था। इसके बाद फिर ध्यान तुरंत एंडरसन पर चला गया, जब उन्हें उनके साथियों और कोच ने गले लगाया, और वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने उनका स्वागत किया, क्योंकि वह टीम को आखिरी बार मैदान से बाहर ले जा रहे थे।
इंग्लैंड की जीत का मंच पहले दिन ही तैयार हो गया था, जब टॉस जीतकर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने गेंदबाजी करने का फैसला किया, एटकिंसन ने अपनी धारदार गेंदबाजी से वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी को धराशायी कर दिया और पूरी टीम केवल 121 रनों पर सिमट गई। वेस्टइंडीज के लिए मिकाइल लुईस ने 27, एलिक अथानाजे ने 23 और कावेम हॉज ने 24 रन बनाए। एटकिंसन डेब्यू में एक पारी में सात विकेट लेने वाले सातवें अंग्रेज खिलाड़ी बन गए – उनके 7/45 के रिकॉर्ड से बेहतर केवल डोमिनिक कॉर्क का रिकॉर्ड है, जिन्होंने 1995 में लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज के खिलाफ 7/43 का रिकॉर्ड बनाया था।
इसके बाद इंग्लैंड की टीम ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और टीम के पांच बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाए। जैक क्रॉली (76) और ओली पोप (57) ने अर्धशतक लगाए और दूसरे विकेट के लिए 94 रनों की साझेदारी की, जिसके बाद हैरी ब्रूक (50) और जो रूट (68) ने भी अर्द्धशतक बनाए और चौथे विकेट के लिए 91 रन जोड़े। सरे के विकेटकीपर-बल्लेबाज और इंग्लैंड के लिए पदार्पण करने वाले एक और खिलाड़ी जेमी स्मिथ ने निचले मध्य क्रम में अच्छी बल्लेबाजी की और उनके 70 रनों की मदद से इंग्लैंड ने 371 रन बनाए और पहली पारी में 250 रनों की बढ़त हासिल की।
इसके बाद एंडरसन और स्टोक्स ने मिलकर दूसरी पारी में वेस्टइंडीज की शुरुआत बिगाड़ दी और रही सही कसर एटकिंसन ने पांच विकेट लेकर पूरी कर दी, जिससे तीसरे दिन पहले सत्र में ही मैच समाप्त हो गया।