उत्तर प्रदेशराज्य

इश्क में अंधी कलियुगी मां ने आशिक को सौंपी 10 साल की बेटी, फिर आशिक रोजाना…

 


गाजियाबाद। क्या माता कभी कुमाता नहीं हो सकती? गाजियाबाद की यह घटना उन तमाम धारणाओं को गलत साबित करती है। मां को अपने बच्‍चों का सबसे रक्षक कहा जाता है, लेकिन, इश्क में पागल एक मां अपने बच्चों के लिए कुमाता बन गई। अपने ही हाथों से उसने अपनी 10 साल की मासूम बच्ची को आशिक को सौंप दिया। हवशी दरिंदे ने उस बच्ची के साथ कई बार रेप किया। प्रताड़ना से तंग आकर बच्ची घर छोड़कर भाग गई। दिल्ली की सड़कों पर घूमती पाई गई। पुलिस ने पकड़ा। पूछताछ हुई। फिर हैरान करने वाला मामला सामने आया। बच्ची ही नहीं, उसके 13 साल के भाई को भी प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा था। मां अपनी बेटी को वेश्यावृत्ति में धकेलना चाहती थी। मामला सामने आया तो पुलिस ने महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।

गाजियाबाद के एक कॉलोनी में रहने वाली महिला पति की मौत के बाद एक व्यक्ति के संपर्क में आई। उसके प्रेम में पागल हो गई। उसके साथ संबंध बनाने लगी। अपनी काली करतूत को छिपाने के लिए अपनी 10 साल की बेटी और 13 साल के बेटे को भी उसे सौंप दिया। आरोपी ने मासूम बच्ची और उसके भाई के साथ हैवानियत की हद पार कर दी। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि महिला खुद अपनी बेटी को वेश्यावृति में धकेलना चाहती थी। मामला सामने आने के बाद महिला और उसके आशिक राजू के खिलाफ लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि एफआईआर में धारा 377 भी जोड़ा जाएगा।

दरअसल, राजू सिंह ने पति की बीमारी के दौरान महिला की आर्थिक मदद की थी। लेकिन, महिला के पति की जान नहीं बच पाई। इसके बाद राजू सिंह ने महिला के साथ शादी कर ली। दोनों गाजियाबाद में रहने लगे। आरोप है कि शादी के बाद राजू ने अपनी पत्नी को वेश्यावृति में धकेल दिया। पिछले साल उसके दोनों बच्चों को लेकर आया। राजू की नजर महिला की बेटी पर थी। उसने बच्ची का भी शोषण शुरू कर दिया।

पुलिस की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ। अधिकारियों ने बच्ची से पूछताछ के आधार पर कहा कि उसके पिता की चार साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद दोनों नाना- नानी के साथ रह रहे थे। पिछले साल मां उन दोनों को गाजियाबाद स्थित अपने घर ले आई थी। उसने राजू को अपने पति के रूप में दोनों से मिलवाया था। शुरुआती जांच में पता चला कि लड़के के साथ सबसे पहले उसके सौतेले पिता ने रेप किया था। दो महीने पहले महिला का बेटा फिरोजाबाद में अपने दादा-दादी के घर भाग गया। इसके बाद आरोपी बच्ची के साथ रेप करने लगा।

बच्चों ने पुलिस को यह भी बताया कि सौतेले पिता की करतूत जब भी अपनी मां को बताते थे, तो वह उन्हें धमकी देती थी। उन्हें कुछ दवाएं देती थी। लड़की ने कहा कि मैं यह जानकर हैरान हो गई थी कि मेरी मां वेश्यावृति में शामिल है। बड़ी होने पर मुझे भी इस धंधे में धकेलना चाहती है।

सौतेले पिता की प्रताड़ना और मां के दुर्व्यवहार से आहत बच्ची ने 20 जनवरी को गाजियाबाद का घर छोड़ दिया। वह दिल्ली की सड़कों पर घूमती पाई गई। उसे दिल्ली पुलिस को लोगों ने सौंप दिया। दिल्ली पुलिस ने बच्ची की देखभाल का जिम्मदा बाल कल्याण समिति को सौंपा। लड़की की मेडिकल कराई गई। टेस्ट में पता चला कि उसके साथ रेप हुआ है। पुलिस की पूछताछ के दौरान लड़की काफी डरी हुई थी। वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। पुलिस ने जब बच्ची को समझाया-बुझाया तो उसने सच बता दिया। उसने अपने सौतेले पिता पर रेप का आरोप लगाया। साथ ही, दरिंदगी किए जाने की बात कही।

महिला और उसके आशिक ने बच्ची के गायब होने के बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई। इस मामले में एसीपी लोनी भास्कर शर्मा ने कहा कि लड़की ने अपने बलात्कारी की पहचान दिल्ली के रहने वाले राजू के रूप में की है। 20 जनवरी को लापता होने के बाद भी मां ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। बच्ची ने कहा कि उसकी मां और राजू अपराध को छुपाने के लिए उसे प्रताड़ित करते थे। लड़की किसी को कुछ न बताए इसके लिए चिमटे से उसकी पिटाई करते थे।

एसीपी ने कहा कि शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने जनवरी में और फिर 9 अप्रैल को लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था। लड़की राजू से इतनी डरी हुई थी कि उसने शुरू में कहा था कि उसके सौतेले पिता ने उसके साथ बलात्कार किया था। बाद में उसने पूरा मामला बताया। इस आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई।

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