एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में 31 मई से नई कलाकार तृषा आशीष सारदा देवी कात्यायनी के रूप में नजर आयेंगी
‘बाल शिव‘ में एक नये अध्याय का आरंभ होने वाला है, क्योंकि बाल पार्वती, कात्यायनी के रूप में पधारने वाली हैं। मई 31 से इस शो में नजर आने वाली देवी कात्यायनी की भूमिका तृषा आशीष सारदा निभाएंगी। हमेशा के लिये अपने शिव के साथ रहने के लिये पार्वती, बाल रूप कात्यायानी के रूप में जन्म लंेगी। ऋषि कात्यान को देवी पार्वती की भक्ति के वरदान के रूप में कात्यायनी ने उनके घर जन्म लिया है। एण्डटीवी के शो ‘बाल शिव‘ में देवी कात्यायनी के रूप में टेलीविजन पर डेब्यू करने की अपनी उत्सकुता जाहिर करते हुए तृषा आशीष सारदा कहती हैं, ‘‘बाल शिव‘ शो से जुड़कर मैं बहुत खुश हूं और मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं। मैं इस शो और देवी पार्वती की फैन रही हूं। इसलिए, जब मुझे इस भूमिका के लिये चुना गया तो मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे देवी का लुक काफी पसंद है और अब मेरा भी लुक वैसा ही होगा। मैं बहुत ही उत्सुक हूं। मैंने अपने सभी दोस्तों को इसके बारे में बताया है।‘‘
एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ की शिव्या पठानिया उर्फ देवी पार्वती, देवी कात्यायनी के बारे में कहती हैं, ‘‘देवी कात्यायनी, देवी दुर्गा का एक बेहद शक्तिशाली अवतार है, जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दिए गए सिंह पर बैठकर महिषासुर का विनाश किया था। ऋषि कात्यान की भक्ति से प्रसन्न होकर, दानव और दुष्टों से उन ऋषियों और देवताओं की सुरक्षा के लिये उनके आश्रम में देवी कात्यायनी का जन्म होता है। देवी का आशीर्वाद पाकर, देवी कात्यायनी आश्रम के बाहर कमलदल पर मिलती है। देवी कात्यायनी का स्वभाव, बाल शिव से बिलकुल ही अलग है।
बाल शिव से अलग, जो लगातार मुस्कुराते रहते हैं, कात्यायनी क्रोध में रहती है और हर गलत व्यवहार का विरोध करती है। बाल शिव जहां शांत, दयालु हैं और हर किसी को एक अवसर देने वाले हैं, वहीं देवी कात्यायनी, दुर्गा की तरह दयालु लेकिन दंड देने में कठोर है। शिवलिंग ही कात्यायनी के देवता हैं। तृषा सारदा, देवी कात्यायनी के लिये बिलकुल ही सही चुनाव हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि दर्शकों ने जितना प्यार आन तिवारी अभिनीत बाल शिव को दिया है उतना ही कात्यायनी को देंगे। देवी कात्यायनी की कहानी इस शो के कथानक में एक नया आयाम लेकर आएगी और मुझे पूरा भरोसा है यह लोगों में दिलचस्पी जगाएगी और उन्हें रोमांचक अनुभव देगी।‘‘