एनटीपीसी-विंध्याचल परियोजना के सर्वेश्वर मंदिर में धूम-धाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव
विन्ध्यनगर,इस वर्ष भी एनटीपीसी-विंध्याचल के सर्वेश्वर मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर परियोजना के मंदिर समिति द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सायं 06:00 बजे से भगवान कृष्ण थीम पर आधारित फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के साथ हुई, जिसमें 35 छोटे-छोटे बच्चों ने बड़े ही उत्साह एवं उमंग के साथ विभिन्न मनमोहक परिधानों में सज-संवरकर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।
तत्पश्चात म.प्र. शासन के सौजन्य से संस्कृति संचनालय द्वारा “भक्ति पर्व” नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 3 घंटों तक कृष्ण भजन, कृष्ण लीलाएँ एवं कृष्ण गीत आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के लिए विशेष तैयारियाँ की गई थी। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर एनटीपीसी-विंध्याचल परिसर के नगरवासियों ने मिलकर हवन किया जिसमे आस-पास के ग्रामीणजनों ने भी उपस्थित होकर इस कार्यक्रम का भरपुर आनंद उठाया। मंदिर को विशेष रूप से सजाकर भजन-संगीत कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमे भक्तों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर परियोजना प्रमुख(विंध्याचल) श्री ई सत्य फणि कुमार एवं अध्यक्षा सुहासिनी संघ, श्रीमती सरोजा फणि कुमार ने भगवान श्रीकृष्ण का पूजनएवं दर्शन किया। तदोपरांत भगवान श्री कृष्ण की सजी सुंदर झूले को झूलाया एवं शंख ध्वनि के बीच महिलाओं ने मंगल गीत गाया। श्रद्धालुओं ने भक्ति-भाव से प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम में जिला मैजिस्ट्रेट, सिंगरौली श्री अरुण कुमार परमार, एसडीएम सिंगरौली, विधायक सिंगरौली, विधायक देवसर, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण, परियोजना प्रमुख (विंध्याचल) श्री ई सत्य फणि कुमार, महाप्रबंधक(प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री राजेश भारद्वाज, अन्य महाप्रबंधकगण व अपर महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्षगण एवं अध्यक्षा सुहासिनी संघ श्रीमती सरोजा फणि कुमार, सुहासिनी संघ की अन्य पदाधिकारी एवं सदस्याओं के साथ-साथ मंदिर समिति के कार्यकारिणी सदस्य, एनटीपीसी नगर परिसर के कर्मचारी तथा उनके परिवारजन, परिसर के नगरवासी और ग्रामीणजन उपस्थित रहे ।
रवीन्द्र केसरी