उत्तर प्रदेश

एसआरएमएस मेडिकल कालेज में मेडिकल एजूकेशन टेक्नोलॉजी की तीन दिवसीय वर्कशाप का समापन

बरेली, 28 जुलाई। एसआरएमएस मेडिकल कालेज स्थित नेशनल मेडिकल काउंसिल के रीजनल सेंटर में मेडिकल एजूकेशन टेक्नोलॉजी की तीन दिवसीय वर्कशाप का कल समापन हुआ। इसमें मथुरा, उन्नाव, कन्नौज, मेरठ, जालौन, बदायूं, बरेली और सैफई स्थित मेडिकल कालेजों में कार्यरत 30 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। वर्कशाप में नेशनल मेडिकल काउंसिल के नेशनल प्रेसिडेंट डा.शरद अग्रवाल और मधुरा स्थित कृष्ण मोहन मेडिकल कालेज के डीन डा.नरेश कुमार प्रजापति भी शामिल हुए। वर्कशाप का उद्घाटन 25 जुलाई को एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी ने किया। उन्होंने इसे सरकार की अच्छी पहल बताया और इसमें शामिल होने वाले सभी चिकित्सकों को शुभकामनाएं दीं। कहा कि मेडिकल साइंस में जितनी तेजी से बदलाव आ रहे हैं उतनी ही गति से पढ़ाने की तकनीक भी बदल रही है। इन बदलावों को सीख कर ही आज विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना संभव है। ऐसे बदलावों को सीखने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की पहल अत्यंत जरूरी है। इससे मेडिकल के विद्यार्थियों को बढ़ाने वाले चिकित्सकों को तो फायदा होगा ही। अंततः मरीजों का भी भला होगा।वर्कशाप के समापन पर 27 जुलाई को मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत) डा.एमएस बुटोला, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.आरपी सिंह, कार्यक्रम के संयोजक डा.जसविंदर सिंह और सह संयोजक डा.संध्या चौहान ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए। डा.जसविंदर सिंह ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने चिकित्सकों को मेडिकल एजूकेशन टेक्नोलॉजी में पारंगत करने के लिए 30 जून 22 को एसआरएमएस मेडिकल कालेज में रीजनल सेंटर स्थापित किया था। डिपार्टमेंट आफ मेडिकल एजूकेशन की ओर से इस रीजनल सेंटर में 18 जनवरी को पहली तीन दिवसीय रिवाइज बेसिक कोर्स वर्कशाप हुई थी। इसके बाद आठ से 10 फरवरी,22 से 24 फरवरी को भी इसका आयोजन हुआ। चौथी रिवाइज बेसिक कोर्स वर्कशाप 16 मार्च को आरंभ हुई। पांचवीं वर्कशाप 16-18 मई, छठी वर्कशाप 6-8 जून में आयोजित की गईं। सातवीं वर्कशाप 25 जुलाई को आरंभ हुई और आज इसका समापन हुआ। इसमें नेशनल मेडिकल काउंसिल की पालिसी के तहत चिकित्सकों को विभिन्न टॉपिक पर जानकारी दी गई। समापन पर डा. शरद अग्रवाल, डा.नरेश कुमार प्रजापति, डा.पीएन भीसे, डा.रमाकांत रावत, डा.अनुज शर्मा, डा.निधि चौधरी, डा.घनश्याम चौधरी, डा.जीएस वर्मा सहित सभी प्रतिभागियों ने वर्कशाप को सफल करार दिया। सभी ने क्वालिटी वर्कशाप के लिए एसआरएमएस मेडिकल कालेज के मैनेजमेंट और यहां स्थित रीजनल सेंटर के संचालकों को बधाई दी। डा.शरद अग्रवाल ने एसआरएमएस मेडिकल कालेज में रीजनल सेंटर बनाने के फैसले पर एनएमसी को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह संस्थान अपनी गुणवत्ता और स्टैंडर्ड में दूसरों से काफी आगे है। देश के गिने चुने निजी मेडिकल संस्थानों में शामिल एसआरएमएस का उ.प्र. में कोई मुकाबला नहीं। दूसरे सभी संस्थान इससे काफी पीछे हैं। बस इसी अंतर को बरकरार रखने की जरूरत है। डा.नरेश कुमार प्रजापति ने कहा कि यहां वर्कशाप में काफी कुछ सीखने को मिला। तीन दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला। निसंदेह एसआरएमएस लखनऊ रीजन सहित प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान है। इस मौके पर डा.पियूष कुमार, डा.रोहित शर्मा, डा.शिप्रा त्रिपाठी, डा.धनंजय कुमार, डा.रुचि खंडेलवाल, डा.आनंद जाधव सहित तमाम फैकेल्टी मेंबर उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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