देशराज्य

कंपनी ने बिना अनुमति के खोला मोरबी पुल, नगर पालिका का हाईकोर्ट में हलफनामा

मोरबी पुल: मोरबी पुल को नवीनीकरण कंपनी ने बिना अनुमति व नगर निकाय को सूचित किए बिना ही खोल दिया। मोरबी नगर पालिका ने गुजरात हाईकोर्ट को इस बारे में बताया है। बता दें कि मोरबी में हुए पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

बुधवार को हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में नगर पालिका ने यह भी बताया कि 2022 में नगर निकाय और कंपनी के बीच हुए एक करार के मुताबिक अजंता कंपनी को पुल का ‘उचित पुनरोद्धार’ करना था और सिर्फ तभी जनता के लिए खोलना था। नगर निकाय ने मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ के सामने हलफनामा प्रस्तुत किया। खंडपीठ पुल ढहने के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।

नगर निकाय ने चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की डिविजन बेंच के सामने हलफनामा दायर किया। कोर्ट मामले का स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुनवाई कर रही है। मोरबी शहर में मच्छू नदी पर यह पुल ब्रिटिश काल में बनाया गया था। पुल ढहने के पांच दिन पहले ही इसके मरम्मत का काम पूरा हुआ था। इसके बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया था। 30 अक्तूबर की शाम पुल ढहने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (ओरेवा समूह) से जवाब मांगा है कि अनुमति न होने के बावजूद पुल के इस्तेमाल करने के लिए अनुमति देने के क्या कारण थे।

नगरपालिका ने कहा कि 8 मार्च, 2022 के समझौते की चार शर्तें तय कीं गई थीं। हलफनामे में बताया गया है कि इनमें से एक शर्त में कहा गया था कि अजंता (ओरेवा समूह) इसका उचित रूप से मुरम्मत करेगी और इसमें समझौते की तारीख से कम से कम 8 से 12 महीने लगेंगे, जिसके बाद ही इसे जनता के लिए बड़े पैमाने पर खोला जाएगा।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------