किडनी को फेल कर देंगी 7 गलतियां, शराब से भी ज्यादा खतरनाक, जान ले वरना…
टॉक्सिन वो तत्व होते हैं, जो प्लांट या एनिमल फूड के पचने के बाद बनते हैं। ये विषाक्त पदार्थ शरीर के लिए खतरनाक होते हैं। कुछ टॉक्सिन शरीर में बैक्टीरिया या वायरस के घुसने से भी बन जाते हैं। इसलिए किडनी इन्हें पेशाब के साथ बाहर कर देती है।
किडनी यूरीनरी सिस्टम का एक अंग है। इसका मुख्य काम खून से गंदगी को छानना है। डॉक्टर दीपिका ए भाटिया बताती हैं कि सुस्त लाइफस्टाइल की वजह से हाई बीपी, डायबिटीज जैसी बीमारी हो सकती हैं। जो कि गुर्दों के लिए शराब से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती हैं और किडनी फेल हो सकती है। इसलिए इन गलतियों को बिल्कुल ना करें।
प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और फॉस्फोरस अधिक होता है। किडनी के मरीजों को फॉस्फोरस का सेवन कम करना चाहिए। डॉक्टर के मुताबिक, कुछ अध्ययनों में स्वस्थ किडनी वाले लोगों के लिए भी प्रोसेस्ड फूड से गुर्दों और हड्डियों की बीमारी देखी गई है।
एनिमल प्रोटीन खाने से खून में काफी ज्यादा एसिड बनता है, जो एसिडोसिस का कारण बन सकता है। इस स्थिति में किडनी एसिड को तेजी से खत्म नहीं कर पाती और अत्यधिक दबाव के कारण फेल हो सकती है। प्रोटीन के लिए आहार में फलों और सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
अधिक नमक वाले आहार में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ाती है और साथ में किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। नमक के बजाय जड़ी-बूटियों और मसालों से अपने भोजन का स्वाद बढ़ाएं।
चीनी और मीठे की आदत मोटापा बढ़ाती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। कुछ बाजारी मसालों, नाश्ता, अनाज और सफेद ब्रेड में भी छिपी हुई शुगर होती है। इन सभी चीजों से दूर रहकर किडनी को हेल्दी रखा जा सकता है।
एनएसएआईडी (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) और एनाल्जेसिक जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं आपके दर्द को कम कर सकती हैं, लेकिन वे किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यदि आपको पहले से ही गुर्दे की बीमारी है, तो डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का सेवन ना करें।
हाइड्रेशन गुर्दे को शरीर से सोडियम और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है। दर्दनाक किडनी स्टोन से बचने के लिए भी खूब पानी पीना चाहिए। एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
स्मोकिंग और ड्रिंकिंग दिल व फेफड़ों के साथ किडनी भी खराब कर सकती हैं। स्मोकिंग से पेशाब में प्रोटीन का लेवल बढ़ जाता है, जो गुर्दा खराब होने का संकेत भी है। वहीं, शराब की आदत के लिए दुष्प्रभावों के बारे में सभी को पता है।