कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना आज जारी करेंगे PM मोदी
नई दिल्ली: कोरोना महामारी(corona pandemic) में अनाथ हुए बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी उठाई है। महामारी में अपने माता-पिता या दोनों को खोने वाले बच्चों की परवरिश के लिए केंद्र सरकार ने बीड़ा उठाया है। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना(PM Cares for Children Scheme) के तहत दी जाने वाली सुविधाओं को जारी किया। पीएम ने स्कूल जाने वाले बच्चों को स्कॉलरशिप ट्रांसफर की। इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन की पासबुक और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हेल्थ कार्ड भी दिए। यानी इन बच्चों पढ़ाई-लिखाई के साथ उनकी हेल्थ प्राब्लम का खर्चा भी केंद्र सरकार उठाएगी। कार्यक्रम जारी है…
मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, परिवार के सदस्य के नाते बात कर रहा
पीएम मोदी ने कहा- आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के एक सदस्य के तौर पर आपसे बात कर रहा हूं। आज आप सभी बच्चों के बीच आकर मुझे बहुत सुकून मिला है। मैं जानता हूं, कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना कठिन है। जीवन हमें कई बार अप्रत्याशित मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। ऐसी परिस्थितियां जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की होती हैं, हंसते-खेलते अचानक अंधेरा छा जाता है। कोरोना ने अनेक लोगों के जीवन में, अनेकों परिवार के साथ ऐसा ही कुछ किया है।
चुनौतियों से निपटने एक छोटा सा प्रयास
जो चला जाता है, उसकी हमारे पास सिर्फ चंद यादें ही रहा जाती हैं, लेकिन जो रहा जाता है, उसके सामने चुनौतियां का अंबार लग जाता है। ऐसी चुनौतियों में पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। मुझे संतोष है कि बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में उनका दाखिला कराया जा चुका है। अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा, तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे।
5 लाख तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था
पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड भी दिया जा रहा है, इससे 5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा भी आप सब बच्चों को मिलेगी। एक और बड़ी चिंता स्वास्थ्य से जुड़ी भी बनी रहती है। कभी कोई बीमारी आ गई तो इलाज के लिए पैसे चाहिए। लेकिन किसी भी बच्चे को उसके लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।
आपके हौसले को सैल्यूट
कोरोना महामारी की आंच पूरी मानवता ने सही है। दुनिया का शायद ही कोई ऐसा कोना होगा, जहां सदी की इस सबसे बड़ी त्रासदी ने कभी न भुलाने वाले जख्म न दिए हों। आपने जिस साहस और हौसले से इस संकट का सामना किया है, उस हौसले के लिए मैं आप सभी को सैल्यूट करता हूं। जो हमें असमय छोड़ गए, आज ये फंड उनके बच्चों के लिए, आप सबके भविष्य के लिए काम आ रहा है। इस फंड ने कोरोना काल के दौरान अस्पताल तैयार करने में, वेंटिलेटर्स खरीदने में, ऑक्सिजन प्लांट्स लगाने में भी बहुत मदद की। इस वजह से कितने ही लोगों का जीवन बचाया जा सका, कितने ही परिवारों का भविष्य बचाया जा सका।
खुद पर भरोसा करें तो प्रकाश की किरण अवश्य दिखाई देती है
हम इस समय अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सैकड़ों वर्ष की गुलामी में, इतनी लंबी आजादी की लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत थी, हार न मानने की हमारी आदत। निराशा के बड़े से बड़े माहौल में भी अगर हम खुद पर भरोसा करें तो प्रकाश की किरण अवश्य दिखाई देती है। हमारा देश तो खुद ही इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आज जब हमारी सरकार अपने 8 वर्ष पूरे कर रही है तो देश का आत्मविश्वास, देशवासियों का खुद पर भरोसा अभूतपूर्व है। भ्रष्टाचार, हजारों करोड़ के घोटाले, भाई-भतीजावाद, देशभर में फैल रहे आतंकी संगठन, क्षेत्रीय भेदभाव, जिस कुचक्र में देश 2014 से पहले फंसा हुआ था, उससे बाहर निकल रहा है।
सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाकर हमारी सरकार ने गरीब को उसके अधिकार सुनिश्चित किए हैं। अब गरीब से गरीब को भरोसा है कि सरकार की योजनाओं का लाभ उसे मिलेगा, निरंतर मिलेगा। इस भरोसे को बढ़ाने के लिए ही हमारी सरकार अब शत प्रतिशत सशक्तिकरण का अभियान चला रही है। आप सभी बच्चों के लिए इस बात का भी उदाहरण है कि कठिन से कठिन दिन भी गुजर जाते हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए भारत अब तेज गति से विकास कर रहा है।
इन बच्चों को मिलेगा केंद्र सरकार की इस योजन का लाभ
प्रधानमंत्री ने 29 मई 2021 को कोविड-19 महामारी की वजह से 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 की अवधि के दौरान अपने माता-पिता दोनों या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता को खोने वाले बच्चों की सहायता करने के उद्देश्य से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना शुरू की थी। योजना का मकसद बच्चों के रहने एवं खाने की व्यवस्था करना, शिक्षा एवं छात्रवृत्ति के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना है। उनके आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए 23 वर्ष की आयु होने तक 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद से लैस करके और स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराना भी है। ऐसे बच्चों के रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र सरकार ने pmcaresforchildren.in नाम का एक पोर्टल शुरू किया था। यह पोर्टल एक सिंगल विंडो सिस्टम है, जो बच्चों के लिए इस स्कीम से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को पूरा करता है।
पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के बारे में यह भी जानें
पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना(PM CARES for Children Scheme) के तहत कोविड-19 महामारी(covid-19 pandemic) के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मदद दी जाती है। योजना के तहत 18 साल की उम्र से मासिक वृत्ति(मंथली आर्थिक मदद) और 23 वर्ष की आयु होने पर 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। योजना के 10 साल की उम्र के बच्चों को डे स्कॉलर के तौर पर किसी भी नजदीकी स्कूल में यानी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल/केंद्रीय विद्यालय (केवी)/निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। योजना के तहत 11-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यदि बच्चा किसी परिवार के साथ रह रहा है, तो डीएम द्वारा करीबी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल/केन्द्रीय विद्यालयों (केवी)/निजी स्कूलों में डे स्कॉलर के रूप में उसका दाखिला दिलाया जा सकता है।