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कोरोना से चीन के अस्पतालों में मची चीख-पुकार, श्मशानों में हफ्ते भर की वेटिंग, पढे ताजा अपडेट

नई दिल्ली। चीन में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कोरोना के केस तेजी से बढ़ने के चलते स्वास्थ्य संसाधनों पर भारी दबाव है. हालत ये है कि अस्पताल में बेड नहीं बचे हैं. घर पर इलाज करा रहे लोगों को दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं. इतना ही नहीं जिन लोगों की कोरोना से मौत हो रही है, उनके अंतिम संस्कार के लिए एक एक हफ्ते की वेटिंग चल रही है. चीन के ज्यादातर शहरों में श्मशानों के बाहर लंबी लंबी लाइन हैं. वहीं, दूसरी ओर चीन सभी तरह प्रतिबंध हटाकर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वहां सब कुछ सामान्य है.

चीन में 2020 के बाद से जीरो कोविड पॉलिसी लाई गई थी. लेकिन इसका लगतार विरोध हो रहा था. ऐसे में चीन ने दिसंबर में अपनी पॉलिसी को वापस ले लिया. इसके बाद से चीन में कोरोना से स्थिति बिगड़ती जा रही है. चीन में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन में हर रोज लाखों-करोड़ों लोग संक्रमित हो रहे हैं.

उधर, चीन ने विदेश से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन करने का नियम खत्म कर दिया. इसके साथ चीन ने अपने बॉर्डर भी खोलने का फैसला किया है. चीन का दावा है कि मंगलवार को सिर्फ कोरोना से 3 लोगों की मौत हुई है. लेकिन चीन के शहरों के अस्पतालों और श्मशानों से जो रिपोर्ट्स और वीडियो सामने आ रहे हैं, वे कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी शहर चेंगदू (Chengdu) के बड़े अस्पताल Huax में स्टाफ का कहना है कि वे कोरोना के मरीजों के इलाज में बहुद व्यस्त हैं.

अस्पताल के एंबुलेंस ड्राइवर ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा, मैं 30 साल से यह काम कर रहा हूं. लेकिन अब तक इतना व्यस्त कभी नहीं रहा. अस्पतालों के अंदर और बाहर लंबी लंबी लाइन लगी हैं. एंबुलेंस में सवार सभी मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है. अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में तैनात मेडिकल स्टाफ ने बताया कि ज्यादातर मरीज कोरोना से संक्रमित हैं. अस्पताल में कोरोना की दवाइयां का स्टॉक नहीं है. मरीजों को सिर्फ सामान्य लक्षणों की दवाएं दी जा रही हैं.

चेंगदू के सबसे बड़े फ्यूनरल होम की पार्किंग कारों से फुल है. फ्यूनरल होम में लगातार अंतिम संस्कार हो रहे हैं. फ्यूनरल होम में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि हम दिन में 200 बार ऐसा कर रहे हैं. यानी हर रोज 200 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. हम इतने व्यस्त हैं कि खाना तक नहीं खा पा रहे हैं. कर्मचारी का कहना है कि ज्यादातर मौतें कोरोना से हो रही हैं.

चेंगदू के एक दूसरे फ्यूनरल होम Nanling में भी यही हाल है. यहां काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि कोरोना से इतनी मौतें हुई हैं कि सभी अंतिम संस्कार के लिए सभी स्लॉट बुक हैं. हालत ये है कि 3 जनवरी तक के स्लॉट अभी से बुक हैं.

ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग ने चीन के शंघाई शहर का एक वीडियो शेयर किया है. इसमें शंघाई के अस्पताल में शवों के ढेर नजर आ रहे हैं. उनके मुताबिक, ये वीडियो 24 दिसंबर का है. इतना ही नहीं जेंग ने एक वीडियो अनसन शहर का भी शेयर किया है. इसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से चीन में फ्यूनरल होम फुल हो गए हैं. अंतिम संस्कार के लिए लंबी वेटिंग है. कोरोना के लगातार हो रहीं मौतें के चलते फ्यूनरल होम की पार्किंग में शवों को रखा जा रहा है.

कोरोना का कहर शंघाई शहर में भी जारी है. यहां कोरोना के लगातार केस बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं कोरोना के चलते काफी लोगों की जान भी जा रही है. ऐसे में शंघाई के श्मशान घाटों में भर्तियां चल रही हैं. लोग जो शव उठा सकें, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. इतना ही नहीं जो लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें वरीयता दी जा रही है.

चीन में कोरोना से हाहाकार मचा है. यहां पिछले 20 दिन में 25 करोड़ (250 मिलियन) लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस बात का खुलासा सरकारी दस्तावेजों के लीक होने के बाद हुआ है.रेडियो फ्री एशिया ने सोशल मीडिया पर चल रहे दस्तावेजों का हवाला दिया है और कहा- महीने के पहले सप्ताह में ‘जीरो-कोविड पॉलिसी’ में छूट देने के बाद हालात भयावह हुए हैं और सिर्फ 20 दिन में ही पूरे चीन में करीब 250 मिलियन लोग कोविड-19 से प्रभावित हो गए हैं.

चीन में कोरोना से जारी तबाही के बीच कई चौंकाने वाले फैसले किए हैं. चीन ने 8 जनवरी से विदेश से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन से छूट देने का ऐलान किया है. इतना ही नहीं चीन अपने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर भी खोलने जा रहा है. चीन में 2020 से करीब 3 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्वारंटीन नियमों से छूट मिलने जा रही है. इससे पहले चीन ने दिसंबर में ही विवादित कोविड पॉलिसी वापस लेने का ऐलान किया था. इसका काफी विरोध हो रहा था. चीन में कोविड पॉलिसी वापस लेने के बाद से तेजी से केस बढ़े हैं.

 

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