खंडहर बन गए ये तीन पुराने शहर, मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 21 हजार के पार, मलबे से अब भी निकल रहीं लाशें
नई दिल्ली। तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप को करीब पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन यहां मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। तबाही का मंजर यह है कि शहर के शहर बर्बाद हो चुके हैं और सबकुछ खत्म हो चुका है। इसके बावजूद लोगों को आस है कि मलबे के नीचे उनका कोई अपना फंसा होगा और वो जिंदा होगा।
हालांकि, दोनों देशों में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक मृतकों की आंकड़ा 21 हजार के पार हो चुका है और यह संख्या अभी भी बढ़ सकती है। हजारों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत कार्य भी तेज कर दिए गए हैं और लगातार मलबे को हटाया जा रहा है।
दोनों देशों में आए विनाशकारी भूकंप ने तीन प्राचीन शहरों को पूरी तरह से खंडहर में तब्दील कर दिया है। ये शहर हैं- अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो, जो सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित शहरों में से हैं। दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। इसी तरह पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता था। वहीं, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाने वाला अलेप्पो शहर भी इस समय खंडहर बन चुका है। भूकंप से पहले सीरिया का दूसरा यह सबसे बड़ा शहर गृह युद्ध में 2012-2016 के बीच भी क्षतिग्रस्त हो गया था।
भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्किये की मदद के लिए अमेरिका ने 85 मिलियन डॉलर की सहायता की मानवीय सहायता की घोषणा की है। अमेरिका यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के माध्यम से दोनों देशों को तत्काल मानवीय सहायता में 85 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान करेगा। मानवीय सहायता में शरणार्थियों और नए विस्थापित लोगों के लिए आपातकालीन भोजन और आश्रय प्रदान करना, आघात सहायता, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सहायता शामिल है। अमेरिका ने डिजास्टर असिस्टेंस रिस्पांस टीम को तैनात किया है।
भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया है। इसके जरिए भारत ने तुर्किये के लोगों की मदद तेज कर दी है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ ऑर डॉक्टर्स की टीम तुर्किये भेजी गई है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। भारत से वायुसेना के विमानों के जरिए बड़ी मात्रा में राहत और चिकित्सा सामग्री भेजी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह संकटग्रस्त सीरिया और तुर्किये की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं।