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जब बेटे ने मुंह मोड़ा तो 5 बेटियों ने तोड़ी परंपरा और पिता के शव को दिया कंधा

गुमला: झारखंड के गुमला जिले में पांच बेटियों ने साथ मिलकर बेटे का फर्ज निभाया है. दरअसल गुमला में एक बुजुर्ग की बीमारी से मौत हो जाने के बाद बेटे के मुह मोड़ने से मृतक के पांच बेटियों ने शव को कंधा दिया और श्मशान घाट तक ले जाकर अंतिम संस्कार किया. यह पूरा मामला गुमला जिला के कामडारा प्रखंड क्षेत्र के गांव सालेगुटू का है, जहां पिता की मौत हो जाने के बाद अंतिम संस्कार में बेटे ने शामिल होने से इंकार किया तो मृतक के पांच बेटियों ने पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए अपने पिता के शव को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया.

इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि सालेगुटू निवासी लक्ष्मी नारायण साहू उम्र 75 की मौत बीमारी के कारण हो गयी थी. पिता लक्ष्मीनारायण और उनके बेटे घुनेश्वर साहु के बीच आपसी विवाद काफी दिनों से चल रहा था, जिसके कारण आपस में पिता व पुत्र के बीच बातचीत नहीं होती थी. इसी वजह से घुनेश्वर साहु ने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने से इंकार कर दिया.

ग्रामीणों के अनुसार आज पिता के मौत हो जाने पर बेटे घुनेश्वर साहु शव को कंधा देने से पुत्र ने इंकार किया तो मृतक की पांचों बेटी विमला देवी(कोड़ाकेल), सुमित्रा देवी(अरगोड़ा), मैनी देवी(करौंदी), पदमा देवी(तोरपा) और शांति देवी कुलाबिरा आगे आयी और पिता के शव को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया. वहीं गुमला जिला के कामडारा प्रखंड क्षेत्र के गांव सालेगुटू में बेटियों की इस पहल पर खूब चर्चा हुई.

गांव वालों के समझाने के बाद बेटे ने दी मुखाग्नि
वहीं इस बीच शव को जलाने के लिए ट्रैक्टर के माध्यम से लकड़ी शमशान घाट ले जाया जा रहा था तो उस समय भी मृतक की बेटियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद अंत में गांव व समाज के दबाव में आकर मृतक का पुत्र घुनेश्वर ने ही अपने पिता के शव को मुखाग्नि दिया दी. शव का अंतिम संस्कार कोयल नदी स्थित बालाघाट में किया गया.

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