जिलाधिकारी ने तहसील बहेड़ी में संचारी रोगों की रोकथाम, पराली प्रबंधन आदि के संबंध में की ग्राम प्रधानों/सचिवों के साथ बैठक, दिये आवश्यक दिशा निर्देश
बरेली , 26 अक्टूबर। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कल तहसील बहेड़ी के सभागार में डेंगू/मलेरिया की रोकथाम, पराली प्रबंधन आदि के बारे समस्त संबंधित विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों, ए0डी0ओ0 पंचायत, ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सचिवों, लेखपालों तथा एमओआईसी के साथ बैठक कर समीक्षा की।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि बहेड़ी क्षेत्र में डेंगू तथा मलेरिया के केस अधिक संख्या में पाये जा रहे हैं। अतः आप लोगों को ज्यादा सर्तक रहने तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिये कि इस क्षेत्र के सफाई कर्मीगण यदि कहीं अन्यत्र लगे हो तो उन्हें उनके तैनाती स्थल गांव में भेजा जाये। जो गांव डेंगू और मलेरिया से अधिक प्रभावित हैं वहां प्राथमिकता के आधार पर सफाई अभियान चलवाकर कार्य किया जाये।
जिलाधिकारी ने उपस्थित ग्राम प्रधानों व सम्मानित नागरिकों से अपील करी कि बुखार आने पर तुरन्त अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचकर उसका समुचित इलाज करवाये। फुल आस्तीन के कपड़ों का इस्तेमाल करें जिससे मच्छर काटने न पाए। अपने आस पास साफ सफाई रखें जिससे मच्छर ना पनपने पाए। ग्राम प्रधान नालियो में जमा पानी में मच्छर रोधी दवा का छिड़काव करायें या जला हुआ मोबिल ऑयल या चूना डलवायें, समय-समय पर एंटीलार्वा का छिड़ाकाव करवायें, जिससे मच्छर पनपने ना पाए। आवश्यकतानुसार फागिंग करायें व आम जन में जागरूकता लायें व व्यवहार परिवर्तन हेतु प्रोत्साहित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को बताये कि वे किसी भी झोलाछाप डॉक्टर से इलाज ना करवाए यह आपके लिए जानलेवा हो सकता है साथ ही किसी प्रशिक्षित चिकित्सक से इलाज करवाने का कष्ट करें। उन्होंने कहा कि डेंगू को पूर्णतः हटाना हमारा लक्ष्य है और यह आप सभी के सहयोग से ही सम्भव है।
जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे जनपद के अनुपात में पराली जलाने के सर्वाधिक केस बहेड़ी तहसील से ही आ रहे हैं जबकि आप सभी जानते हैं कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है, जिससे बच्चों, वृद्धजनों, सांस व दमा के मरीजों को विशेष परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि वैसे इस क्षेत्र के अधिकांश लोग शिक्षित और सम्पन्न हैं फिर भी कहीं ना कहीं जन जागरूकता का अभाव या प्रशासनिक कमी के कारण ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा कि मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, नई दिल्ली के आदेश के अनुसार फसल अवशेष जलाना दण्ड़नीय अपराध है। मा0 मुख्य मंत्री व सचिव स्तर से भी इस पर सख्त हैं। अतः किसान भाई किसी भी दशा में फसल अवशेषों को न जलायें। उन्होंने समस्त उपस्थित ग्राम प्रधानों से अपील की कि वे गांव में लगातार पराली ना जलाने के सम्बन्ध में एलाउंसमेंट करवाये तथा ग्रामीणों को समझायें कि वे फसल अवशेष को न जलाये बल्कि वेलिंग मशीन द्वारा वेल्स बनाकर इनको एच0पी0सी0एल0 बायोगैस प्लान्ट दातागंज-बदायूॅ, बायोएर्न्जी प्लान्ट फरीदपुर में भेजकर अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी कमा सकते हैं। साथ ही गौशालाओं में आपूर्ति कर पराली दो खाद लो के तहत किसान उक्त योजना का लाभ उठा सकते हैं। किसान भाई पूसा बायो डी-कम्पोजर/यूरिया का छिड़काव कर पराली का इन-सीटू प्रबन्धन कर खेत में जीवांश की मात्रा बढ़ा सकते हैं साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।
जिलाधिकारी ने उपस्थित ग्राम प्रधानों से पूछा कि आप के क्षेत्र में वेस्ट डी कम्पोजर का वितरण हुआ है अथवा नहीं। जिस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि 15 दिन पूर्व ही जिला कृषि अधिकारी ने वेस्ट कम्पोजर बांटने के निर्देश दिये गये थे लेकिन अभी तक सभी लोगों को प्राप्त नहीं हुआ है। अतः जिला कृषि अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाये। जिलाधिकारी पूछा कि जो कार्बाइन हार्वेस्टर बिना एसएमएस (सुपर स्ट्रो मैनेजमेंट सिस्टम) के चलते मिलेंगे उन्हें सीज किया जायेगा।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चन्द्रभान, मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विश्राम सिंह, उप कृषि निदेशक डॉ0 राजेश कुमार, उप जिलाधिकारी बहेड़ी अजय कुमार उपाध्याय, खण्ड विकास अधिकारी, ए0डी0ओ0 पंचायत, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल तथा एमओआईसी सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
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